मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि खेलों के प्रति हमें पुरानी धारणा में बदलाव लाना होगा। ‘‘पढ़ोगे लिखोगे के साथ ही खेलोगे कूदोगे तो बनोगे नवाब’’ की सोच लानी होगी। प्रदेश में खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले दो वर्षों में काफी कुछ किया गया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार को आयोजित ‘खेल-छात्र संसद’ में छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों में ‘स्काई इज द लिमिट’ है। हम शिक्षा के साथ ही खेलों के स्तर में भी सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में खेलों में बजट की राशि को बढ़ाया जाएगा। खेल संसद में दर्जनों स्कूलों के बच्चों ने अपने प्रश्न पूछने के साथ ही खेलों के विकास के लिए बहुत से सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने न केवल इन प्रश्नों व सुझावों को गौर से सुना बल्कि बहुत से सुझावों पर अमल के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित भी किया।
यह बताए जाने पर कि सरकार द्वारा आयोजित स्कूली खेलों में प्राईवेट स्कूलों की भागीदारी नहीं होती है, मुख्यमंत्री श्री रावत ने खेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में स्कूली खेल प्रतियोगिताओं में प्राईवेट स्कूलों व केंद्रीय विद्यालयों को भी शामिल किया जाए।
राज्य में खेल सुविधाएं विकसित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में दो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम लगभग तैयार किए जा चुके हैं, 6 राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बन चुके हैं। पौड़ी के रांसी में हाई एल्टीट्यूड स्टेडियम बनाया जा चुका है, एक ऐसा ही स्टेडियम पिथौरागढ़ में बनाया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे पास 3890 खेल के मैदान हैं, जिनका उपयोग किया जा रहा है, वर्ष 2017 तक इनकी संख्या 5000 करने का प्रयास किया जाएगा।
फुटबाल व हाॅकी को प्रोत्साहित करने के लिए कहे जाने पर मुख्यमंत्री रावत ने फुटबाल प्रशिक्षकों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए।
देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज के एक छात्र द्वारा स्विमिंग पूल की मांग किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने इसकी स्वीकृति देते हुए टोकन मनी के तौर पर 5 लाख रूपए दिए जाने की भी घोषणा की।
खेलों में लड़कियों की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में गल्र्स स्पोर्ट्स कालेज कार्यरत हैं। हर जिले में एक गल्र्स हाॅस्टल स्थापित किया जाएगा। अगले वर्ष औली व मुन्स्यारी के लिए स्कूली बच्चों के ट्रेकिंग अभियान आयेाजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति, संस्थाएं राज्य में खेल सुविधाएं विकसित करने में आगे आते हैं उन्हें राज्य सरकार 50 लाख रूपए तक की सहायता देती है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओ में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का प्राविधान खेल नीति में किया गया है। परम्परागत खेलों को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। निर्धन बच्चों को खेलों में आगे बढ़ाने के लिए योजना तैयार की जाएगी।
रावत ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि छात्र संसद में बच्चों द्वारा बहु स्तरीय प्रश्न पूछे गए और उम्दा सुझाव दिए गए। इनके अनुसार खेल नीति में परिवर्तन किए जाएंगे। कार्यक्रम में खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार व खेल विभाग के अधिकारी मौजूद थे।