युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निकल पड़ी ‘‘स्टार्टअप वैन’’

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में एमएसएमई विभाग और भारत सरकार के ‘इन्वेस्ट इण्डिया’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘‘स्टार्टअप वैन’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध स्टार्टअप इंक्यूबेटर कम्पनी वेंचर कैटालिस्ट के ‘को-फाउण्डर’ अपूर्व शर्मा ने उत्तराखण्ड में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये 100 करोड़ रूपये के निवेश की घोषणा भी की।
कैसे बने राज्य का युवा रोज़गार देने वालाः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्टार्टअप नीति का उद्देश्य युवा उद्यमियों को बढ़ावा देना है। उत्तराखण्ड का युवा रोजगार मांगने के स्थान पर रोजगार देने वाला बने। युवा उद्यमी स्टार्टअप के जरिए कई युवाओं को रोजगार प्रदान कर सकते है। उत्तराखण्ड में प्राकृतिक संसाधनों से सम्बन्धित स्टार्टअप की प्रबल सम्भावनाएं है। प्रदेश में लगभग 58 प्रतिशत आबादी युवाओं की हैं। राज्य सरकार उद्योगों के लिये अच्छा महौल उपलब्ध कराने हेतु संकल्पित है। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश अभी 6वें स्थान पर है और इसकी रैंकिंग में सुधार आने की उम्मीद है। उन्होंने स्टार्टअप वैन को एक अच्छी शुरूआत बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ नीति की जानकारी देने के स्थान पर भावी उद्यमियों की रूचि के अनुसार उन्हें चिन्हित कर उनके आइडिया/स्टार्टअप योजना का नियमित फालोअप करने की भी जरूरत है।
वेंचर कैटालिस्ट के एमडी ने किया राज्य में 100 करोड़ निवेशः प्रसिद्ध कम्पनी वेंचर कैटालिस्ट के को-फाउण्डर अपूर्व शर्मा उत्तराखण्ड के देवप्रयाग के मूल निवासी है। उन्होंने कहा कि वे अपने प्रदेश के लिये कुछ करना चाहते है। वेंचर कैटालिस्ट ने ‘ओयो रूम्स’ जैसी प्रसिद्ध कम्पनियों को प्रारंभ किया है। अपूर्व शर्मा ने कहा कि वे उत्तराखण्ड में स्टार्टअप उद्यमियों को निवेश उपलब्ध कराने के लिये राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का ‘एन्जल नेटवर्क’ विकसित करेंगे। उन्होंने स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिये उत्तराखण्ड में एक नये ‘स्टार्टअप इंक्यूबेटर की स्थापना करने की घोषण भी की। उन्होंने प्रदेश पहले से चल रहे इंक्यूबेटर्स को वित्तीय मदद देने का भी भरोसा दिया। वेंचर कैटालिस्ट प्रांरम्भिक चरण में 100 करोड़ रूपय तक निवेश करेगी।
स्टार्टअप पॉलिसी से य़ुवाओं को मिलेगी दिशा- जोशीः विधायक गणेश जोशी ने कहा कि स्टार्टअप पाॅलिसी से युवाओं को दिशा मिलेगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के लिये सरकार की रोजगारपरक नीतियों पर एक वर्कशाप कराने का सुझाव भी दिया, जिससे वे भी जनता को इन योजनाओं की जानकारी दे सके।

शिकायतों के लिये प्रभावी रिस्पांस सिस्टम बनायें-मुख्य सचिवः कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि इस स्टार्टअप यात्रा को बड़े शहरों के साथ-साथ छोट शहरों तक भी ले जाया जाय। युवा उद्यमियों को अपनी बात रखने तथा किसी शंका समाधान हेतु तेज रिस्पांस वाला फोरम उपलब्ध कराया जाय।

स्टार्टअप यात्रा से लगभग 24 हजार युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्यः प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पंवार ने बताया कि स्टार्ट-अप यात्रा में राज्य के 8 महत्वपूर्ण कालेजों/संस्थानों में एक दिवसीय बूट कैम्प आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस बूट कैम्प में विषेशकर इंजीनियरिंग तथा प्रबधन के छात्रों द्वारा व्यक्त/आविष्कार किये गये नवोन्मेषी(इनोवेटिव) विचारों को विशेषज्ञ मैंटर्स तथा ख्याति प्राप्त इंक्यूवेटर्स द्वारा इम्प्रूव कर उन्हें उद्यम में परिवर्तित करने का प्रयत्न किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 13 काॅलेजों में एक दिवसीय आइडिएशन कैम्प आयोजित किये जाने का लक्ष्य है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से 4000 तथा अप्रत्यक्ष रूप से 20000 युवाओं को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

स्टार्ट-अप को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय प्रोत्साहनों की जानकारी तथा अन्य राज्यों में इस क्षेत्र में किए जा रहे इनोवेशन्स की जानकारी प्रदान कर युवाओं को स्वरोजगार स्थापना की ओर प्रेरित करने के उददेश्य से इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।

राज्य में अब तक 60 स्टार्टअप मान्यता प्राप्तः स्टार्ट-अप नीति के अनुसार स्टार्ट-अप काउंसिल का गठन भी किया जा चुका है। मार्च, 2018 तक राज्य में 60 स्टार्ट-अप मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। शीघ्र ही इनको राज्य की स्टार्ट-अप नीति के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन मिलने शुरू हो जायेंगे।

अबतक 2.77 लाख व्यक्तियों को रोजगारः राज्य गठन के समय उत्तराखण्ड में कुल 14,163 इकाईयां स्थापित थी, जिनमें रू. 700 करोड़ का पूंजी निवेश तथा 38,509 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त था, फरवरी, 2018 तक राज्य में 56,416 इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं जिनमें रू. 11800 करोड़ का पूंजी निवेश तथा 2,77,187 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हो चुका है।

क्या है इंक्यूबेटर: इंक्यूबेटर विभिन्न संसाधनों और सेवाओं जैसे-भौतिक स्थान, पंूजी, प्रशिक्षण और सलाह, काॅर्पोरेट और कानूनी सेवाओं से जुड़े मामलों में भावी उद्यमियों/स्टार्टअप कम्पनियों को सहयोग करते हुए उनके आइडिया/उद्यम हेतु व्यवसायिक माॅडल विकसित करने में सहायता देने के लिये एक संगठन है।

क्या है स्टार्टअप पाॅलिसी: काॅलेज स्तर पर ही युवाओं को स्वरोजगार की महत्ता तथा उद्यमिता की आवश्यकता से अवगत कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा स्टार्ट-अप नीति प्रख्यापित की गई है। अपना स्टार्टअप उद्यम शुरू करने पर युवाओं को रू. 10 से 15 हजार मासिक भत्ता, रू. 5.00 लाख तक उत्पाद विकास सहायता, रू. 7.5 लाख तक विपणन सहायता तथा जीएसटी एवं स्टाॅम्प ड्यूटी में छूट जैसे महत्वपूर्ण प्राविधान किये गये हैं। इंक्यूवेटर्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूंजीगत सहायता के रूप में रू. 1.00 करोड़ तक, मैचिंग ग्रान्ट के रूप में रू. 2.00 करोड़ तक तथा रनिंग एक्सपेंसिस के रूप में रू. 2.00 लाख प्रतिवर्ष दिये जाने का प्राविधान नीति के अन्तर्गत किया गया है।
माह अक्टूबर, 2017 में मुख्यमंत्री  की उपस्थिति में इन्वेस्ट इण्डिया, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग, भारत सरकार के साथ एम0ओ0यू0 सम्पादित किया गया था। इसी क्रम में इंवेस्ट इंडिया इस यात्रा के आयोजन एवं संचालन में राज्य सरकार को सहयोग प्रदान कर रहा है।