राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले राज्य कर्मचारी वेतन विसंगतियों का निस्तारण और एसीपी की पुरानी व्यवस्था को लागू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में आज से तीन दिन तक कार्यबहिष्कार करेंगे। 11 अक्टूबर की शाम को हर जिले में मशाल जुलूस निकालेंगे और 27 अक्टूबर को परेड मैदान से सचिवालय कूच करेंगे।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने बताया कि, “सरकार की एसीपी की नई व्यवस्था से कई कर्मचारियों का हित प्रभावित हो रहा है। नई व्यवस्था में 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पर मिलेगा। जबकि, पूर्व की व्यवस्था में 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर मिलता था। इसके अलावा वेतन समिति की विसंगतियों की जो रिपोर्ट कैबिनेट में रखी गई, वह कर्मचारी विरोधी है।”
सरकार को इस रिपोर्ट को रद कर नए सिरे से विसंगतियों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। प्रदेश प्रवक्ता अरुण पांडे ने बताया कि सरकार और शासन स्तर पर कई बार वार्ता हुई। सहमति भी बनी, लेकिन, कार्यवाही कोई नहीं हुई। इससे कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि राजधानी में कर्मचारी विकास भवन परिसर में एकत्र होकर फिर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
परिषद की अन्य मांगें:
-सातवें वेतनमान के भत्तों व एरियर का भुगतान केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भांति दीपावली से पहले किया जाए।
-दीपावली से पहले कर्मचारियों को बोनस जारी किया जाए।
-कर्मचारियों, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी, पेंशनर के लिए यू-हेल्थ स्मार्ट कार्ड जल्द शुरू किया जाए।
-कर्मचारी कल्याण निगम की स्थापना हो और पूर्व की तरह व्यापार कर व जीएसटी में छूट दी जाए।
-विभागों का एकीकरण कार्मिकों को विश्वास में लेकर ही हो।
-तदर्थ, दैनिक, वर्कचार्ज आदि पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
-कर्मचारियों को 300 के स्थान पर 500 दिन का उपार्जित अवकाश स्वीकृत किए जाएं।
-पुलिस कर्मियों के साथ ही राज्य कर्मचारियों को 1200 रुपये वाहन भत्ते के रूप में दिए जाएं।