सचिव नितेश झा ने बताया कि “अभी उत्तराखंड कोरोना के फेज एक में ही है। यहां पाए गए पाजिटिव केस बाहर से आए हुए हैं। स्थानीय संक्रमण नहीं हुआ है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने में सफल रहे तो राज्य में कोरोना मामलों को रोकने में अवश्य कामयाब रहेंगे। आयुष चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। जिला चिकित्सालयों में कोरोना स्पेसिफिक अस्पताल स्थापित कर रहे हैं। आवश्यक दवाओं और उपकरणों की व्यवस्था की गई है।”
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिग से प्रदेश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति और इसके संक्रमण को कम करने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि
- गेहूँ की आटा मिलें चलती रहें, ये सुनिश्चित कर लिया जाए।
- पंजीकृत और अन्य श्रमिकों व अन्य ज़रूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए।
- आवश्यक सावधानियां बरतते हुए फार्मा इंडस्ट्री चलती रहें।
- जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनको होम क्वारेंटाईन कराया जाए।
- कोरोना संदिग्ध लोगों जिनकी रिपोर्ट लम्बित है, को सख्ती के साथ घर पर क्वारेंटाईन किया जाए।
- जिलों में होम डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करें।
- सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अभी तक की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसी प्रकार आपसी समन्वय से आगे भी काम करना है। कोई छोटी से छोटी कोताही भी नहीं होनी चाहिए। सरकार ने आवश्यकता होने पर देहरादून और हल्द्वानी में 500 बेड के प्री फैब कोरोना अस्पताल बनाए जाने का प्रावधान किया है। इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को 5 एकड़ जमीन चिन्हित करने के लिये कहा जा चुका है। जिन भी सीएमओ और अन्य अधिकारियों के नम्बर सार्वजनिक किये गये हैं उन्हें बेहतर समनव्य के लिये सहायक भी दिये जा रहे हैं। छोटी आटा चक्कियों को चलने दिया जा रहा है। थोक सप्लाई को नहीं रोका जा रहा है। दुकानों पर रेट लिस्ट अवश्य लाई जाये। फूड प्रोसेसिंग से संबंधित फेक्ट्री चलती रहें। 27 तारीख को बाजार आवश्यक वस्तुओं के लिए सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक खुले रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कम समय होने पर भीङ एक साथ आ जाती है। फल सब्जी, दूध दिनभर उपलब्ध होगी। सब्जियों की ठेलिया चल सकती हैं। चार पहिया वाहन पूरी तरह बंद रहेंगे। दोपहिया वाहन सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक चलेंगे परंतु इनपर एक ही व्यक्ति बैठेगा।