उत्तराखण्ड राज्य की उच्च भूकम्प संवेदनशीलता तथा प्रायः समय-समय पर महसूस किये जा रहे छोटे भूकम्पों के दृष्टिगत यह आवश्यक है कि राज्य व जनपदों को इनसे निपटने के लिये तैयारियों का एक उच्च स्तर बनाने के साथ ही समय-समय पर इससे सम्बन्धित माॅक अभ्यासों का आयोजन किया जाये। साथ ही इस प्रकार की आपदाओं से निटपने के लिये बनायी गयी आपदा प्रबन्धन योजनाओं व मानक प्रचालन कार्यविधियों(एस.ओ.पी.) में संशोधन व उनको अपडेट भी किया जाये।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए मनाये जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय आपदा रोकथाम दिवस के विशेष अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य द्वारा समस्त जनपदों में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण(एन.डी.एम.ए.), भारत सरकार के सहयोग से एक राज्य स्तरीय भूकम्प माॅक अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। इस माॅक अभ्यास में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों के अतिरिक्त सेना, आई.टी.बी.पी., एस.एस.बी., एन.डी.आर.एफ., सीमा सड़क संगठन, सेना व अर्द्ध-सैनिक बलों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।
प्रस्तावित भूकम्प माॅक अभ्यास के सन्दर्भ में सचिव, आपदा प्रबन्धन श्री अमित सिंह नेगी तथा मे.जनरल वी.के.दत्ता(से.नि.), वरिष्ठ परामर्शदाता, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की अध्यक्षता में राज्य के समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों व अन्य जनपदीय अधिकारियों के साथ विडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से टेबलटाॅप अभ्यास का अयोजन किया गया।
टेबलटाॅप अभ्यास में मे.जनरल वी.के.दत्ता द्वारा जनपद चमोली में रिक्टर पैमाने पर 7.3 परिमाण के भूकम्प आने की काल्पनिक सम्भावना के दृष्टिगत सभी जनपदों में हताहतों की संख्या के आधार पर माॅक अभ्यास में अपने-अपने उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के साथ ही जनपदों में 5 ऐसे स्थानों को चिन्हित करते हुये एक विस्तृत रूप-रेखा बनाये जाने पर विचार-विमर्श किया।
सचिव, आपदा प्रबन्धन श्री अमित सिंह नेगी ने सभी जनपदों में समुदाय से जुडे़ अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का सहयोग लेते हुये पूर्व निर्धारित घातक परिदृश्य के अनुसार अभ्यास का आयोजन किये जाने की अपेक्षा की। उन्होंने राज्य व जनपदों में इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिये समुचित तैयारी एवं तत्परता बनाते हुये सभी सम्बन्धित विभागों में आपसी सामंजस्य के मजबूतीकरण पर बल दिया।
इसी क्रम में उत्तरदायी अधिकारी, इंसीडेन्ट कमांडर, टाॅस्कफोर्स व स्वयंसेवकों के समन्वय एवं सेना के प्रतिनिधियों को जनपद स्तर पर सभी पांच सम्भावित आपदाग्रस्त स्थानों पर योगदान दिये जाने की अपेक्षा की गयी। टेबलटाॅप अभ्यास के अन्त में मे.जनरल वी.के.दत्ता द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि, “राज्य में पूर्व में भी भूकम्प व वनाग्नि पर चार बार इस प्रकार के माॅक अभ्यास आयोजित किये जा चुके है और यह पूरे देश ऐसा प्रथम राज्य है जो 5वीं बार इतने बड़े पैमान पर इस प्रकार का महत्वपूर्ण माॅक अभ्यास का आयोजन कर रहा है।”