जहां उत्तराखंड के कई नेता आज भी सरकारी भत्ते सरकारी आवास मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं , वहीं एक ऐसा राज्य मंत्री भी है जो अपनी सारी सरकारी सुविधाओं को छोड़ के दूसरों को आईना दिखा रहा है । राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गन्ना और चीनी उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगत राम कोठारी ने सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं, मानदेय और भत्ते छोड़ने का फैसला लिया है, कोठरी के इस फैसले की सब सराहना कर रहे है। सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कोठारी के इस फैसले का स्वागत करते हुए उनकी तारीफ की है।
उत्तराखंड सरकार की ओर से सुविधाओं के नाम एक राज्य मंत्री को हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च मिलता है।
सुविधाएं इस प्रकार-
मानदेय के रूप में एक दर्जन धारी राज्य मंत्री को प्रतिमा ₹15000 मिलते हैं।
राज्य मंत्री को शासकीय वाहन में खर्च के लिए ₹50000 खर्च किया जाता है।
राज्य मंत्री को मुख्यालय से बाहर की यात्राओं हेतु ₹700 प्रतिदिन दैनिक भत्ता दिया जाता है।
शासकीय आवास न मिलने पर राज्यमंत्री को ₹15000 प्रतिमा भत्ता दिया जाता है।
₹2000 टेलीफोन और मोबाइल की सुविधा के लिए।
रेल और हवाई यात्रा के लिए टिकट एक माह में दो बार।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध करा जाता है जिस का वेतन ₹12000 प्रतिमाह होता है।
गन्ना और चीनी उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगत राम कोठारी ने कहा,” ईश्वर की कृपा है कि मेरे पास यह सब है, गाड़ी घोड़ा ड्राईवर,नौकर और राज्य स्थिति भी ठीक मजबूत नहीं है।इन संसाधनों की जरुरत भी नहीं है मुझे,मुझे एक अच्छा दायित्व दिया है कि इस बोर्ड को आगे ले जाऊं,किसानों की समस्याओं को खत्म कर सकूं।इसके अलावा सहकारी का वेतन समय से पहुंचे यही मेरी कोशिश है।“