देहरादून। सरकार की सख्ती के बावजूद भी कार्य बहिष्कार पर अड़े राज्य के ढाई लाख कर्मचारी आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। देहरादून के परेड मैदान में सैकड़ों कर्मचारी डटे हुए हैं। साथ ही प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत से सचिवालय में छह कर्मचारी नेताओं की बातचीत चल रही है। उनमें राज्य कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष दीपक जोशी, महामंत्री राकेश जोशी, ठाकुमार प्रह्लाद सिंह, संतोष रावत, नवीन कांडपाल, सुनील कोठारी के नाम शामिल है। इधर सैकड़ों कर्मचारी अपने नेताओं की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। इस हड़ताल/कार्य बहिष्कार के कारण पूरे प्रदेश में सरकारी कामकाज ठप जैसा हो गया है, जिसके कारण कर्मचारी और सरकार के बीच तनातनी का माहौल है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अरुण पांडेय ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर हैं। उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वे राज्य को कतई भी हड़ताली प्रदेश नहीं बनने देंगे। उनका कहना है कि कर्मचारियों का बात-बात पर हड़ताल पर चले जाने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है| हड़ताल किसी समस्या का समाधान नहीं है। बीते कल हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस जारी करने और ‘नो वर्क नो पे’ के आदेश देने के बाद भड़के इन कर्मचारियों ने साफ कहा था कि वह इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं| सरकार अगर उनकी मांगों को नहीं मानती है तो सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश व कार्य बहिष्कार करेंगे। इन कर्मचारियों द्वारा 04 फरवरी को महारैली के आयोजन की भी घोषणा की गई है। उधर, सरकार की कोशिश है कि वह किसी तरह कर्मचारियों के इस आंदोलन को टाल सके। यही कारण है कि सरकार उन्हे मनाने में जुटी हुई है।
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