नई दिल्ली, नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बढ़े जुर्माने के खिलाफ यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) ने केंद्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। इसका असर दिल्ली-एनसीआर में सुबह से ही देखने को मिल रहा है। शहरवासियों को अपने घरों से मेट्रो या फिर ऑफिस जाने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा रहा है। हड़ताल की वजह से ज्यादातर इलाकों में बस, ऑटो और टैक्सियां सड़कों से नादारद दिखाई दीं।
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) के आह्नान पर दिल्ली-एनसीआर में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों के 51 यूनियन और संघ शामिल हैं। हड़ताल से दिल्ली-एनसीआर के कई निजी स्कूलों ने बस से आने वालों बच्चों को परेशानी ना हो, इसलिए स्कूल बंद रखने का निर्णय किया है। हालांकि स्कूल को बंद रखने के विषय में सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की हजारों बसों के अलावा ऑटो-टैक्सी और मिनी बसों की प्रमुख यूनियन भी हड़ताल के समर्थन में हैं।
यूएफटीए के महासचिव श्मामयलाल गोला ने कहा है कि पिछले 15 दिनों से केंद्र-दिल्ली सरकार से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियम के तहत बढ़े जुर्माने के खिलाफ नौ सितम्बर को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन भी किया गया था। इसके बाद भी केंद्र व राज्य की सरकारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। उन्होंने बताया कि इस हड़ताल में हमारे साथ 51 यूनियन के लोग शामिल हैं। जिसका असर दिल्ली-एनसीआर में दिखाई पड़ा रहा है।
गोला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी बात सरकार नहीं मानेंगी तो देशव्यापी हड़ताल करेंगे, जो कि अनिश्चितकालीन होगा।
गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि, ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की वजह से अधिकतर स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान किया है।” इसके अलावा जीडी सलवान पब्लिक स्कूल ने कहा कि, “दिल्ली-एनसीआर में निजी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की वजह से स्कूल में नर्सरी, केजी और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए बंद रहेगा।” द्वारका के आईटीएल पब्लिक स्कूल, चिन्मय विद्यालय और मथुरा रोड स्थित डीपीएस ने भी इसी तरह के संदेश अभिभावकों को भेजे हैं।