देहरादून/काशीपुर, उच्च न्यायालय को नैैनीताल शहर से शिफ्ट करके काशीपुर-रामनगर के बीच पीरूमदारा क्षेत्र में ले जाने का सुझाव दिया गया है। इस सुझाव के पीछे शहर की जनता, पर्यटकोें, वादकारियों, वकीलों तथा न्यायालय के अधिकारियोें कर्मचारियोें के साथ पवर्तीय क्षेत्रों के लोगों को यातातयात के जाम से निजात दिलाना है ।
प्रतिष्ठित समाज सेेवी संस्था मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स ) की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को गुरूवार को भेेजे ई-मेल में उक्त सुझाव दिया गया है।
अधिवक्ता फ्रंट के संयोजक एम.सी. काण्डपाल द्वारा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को इस संबंध में प्रत्यावेदन दिया गया है। वर्तमान मुख्य न्यायधीश ने इस पर विचार करते हुए इस पर सुझाव अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आमंत्रित किये हैं, जो ई-मेल व डाक द्वारा किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा भेजे जा सकते हैं।
माकाक्स अध्यक्ष नदीमउद्दीन द्वारा माकाक्स की ओेर सेे भेजे गये सुझाव के अनुसार नैनीताल नगर में उच्च न्यायालय होेेेने सेे नैैनीताल शहर की जनता तथा यहां आनेे वाले पर्यटकोें को भारी जनदवाब, पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव यातायात जाम की समस्या, अपराधोें में वृृद्धि, पर्यटन व्यापार प्रभावित होना आदि झेेलना पड़ता है।
9 नवम्बर 2000 से अब तक 18 वर्ष से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नैैनीताल नगर में स्थित होने से विभिन्न कठिनाईयोें का सामना नैैनीताल शहर की आम जनता, नैनीताल आने वालेे देश विदेेश के पर्यटकोें के साथ-साथ उत्तराखंड के वादकारियों, न्यायालय के जजों, स्टाफ तथा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओें को करना पड़ रहा हैै और भविष्य में इन परेशानियों में बढ़ोत्तरी होेनेे से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। एम.सी.काण्डपाल द्वारा अपने प्रत्यावेदन में सुझाया गया स्थान रानीबाग का एच.एम.टी. कारखाने का स्थान उपयुक्त है। लेकिन इस स्थान पर भी निकट भविष्य में नैनीताल नगर वाली विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।