चुनावी माहौल में हरीश रावत ने उस समय अपने समर्थकों और कांग्रेस पार्टी समेत उन सभी लोगों को बेचैन कर दिया जब मंगलवार सुबह अचानक रावत देहरादून स्थित दून अस्पताल पहुंचे। रावत ने गर्दन में दर्द और बेचैनी की शिकायत बताई। डाॅक्टरों की देखरेख के बाद रावत कुछ घंटों में अस्पताल से निकले और अपने को स्वस्थ और फिट बताया। रावत ने कहा कि कुछ समय पहले उन्हें जो गर्दन में चोट लगी थी उसके चलते डाॅक्टरों ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी थी। लेकिन काम के भार के चलते शायद वे ऐसा न कर सके और इसके चलते उन्हें आज तकलीफ हुई। उन्होने अपने समर्थकों को कहा कि में पूरी तरह फिट हूं औऱ चुनावों में पूरे जोश के साथ तैयारी कर के लडूंगा।
गौरतलब है कि राज्य में चुनाव सर पर हैं और ऐसै में अन्य दलों की ही तरह कांग्रेस में भी टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस सब के बीच आज दिल्ली में कांग्रेस टिकट स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी होनी थी। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिये प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सोमवार रात ही दिल्ली रवाना हो गये थे और मुख्यमंत्री का भी मंगलवार को दिल्ली जाने का कार्यक्रम था। लेकिन अचानक बिगड़ी तबियत के चलते रावत दिल्ली नहीं जा सके। राजनीतिक गलियारों में इसे रावत का टिकट बंटवारे में अपनी बात मनवाने औऱ हाल ही में उत्तर प्रदेश और पंजाब के बाद अचानक उत्तराखंड में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आने से रावत की नाराज़गी से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। हांलाकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पहले ही प्रशांत किशोर के आने का स्वागत कर चुके हैं औऱ कहा है कि उनके आने से राज्य में कांग्रेस के प्रचार को नई घार मिलेगी। लेकिन मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने प्रशांत किशोर के आने को कांग्रेस के अंदर फैले हार के डर से जोड़ कर देखा है
राजनिति हमेशा ही संभावनाओं और अनिशिचिताओं का खेल रही है और खासतौर पर तब जब बात राज्य में औऱ पार्टी दोनों पर ही वर्चस्व की लड़ाई का हो। बहरहाल आम कांग्रेसी कार्यकर्ता की उम्मीद तो ये ही होगी हरीश रावत जल्द से जल्द स्वस्थ हो जायें और सेहत से जुड़ी कोई वजह पार्टी के चुनावी रथ को न रोके।