राजकीय जूनियर हाईस्कूल जखेड़ा, गरुड़ बागेश्वर के प्रधानाध्यापक रामलाल को प्रकृति से अगाध प्रेम है। वह बचपन से ही प्रकृति के संरक्षण में लगे हैं। वह अब तक हज़ारों पौधे लगा चुके हैं। उन्हें तरुश्री सम्मान मिलने पर लाहुरघाटी में चारों ओर खुशी का माहौल है। लाहुरघाटी के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और शिक्षकों ने उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
प्रधानाध्यापक रामलाल बताते हैं कि उन्हें पौधे लगाने का जूनून बचपन से ही था। कौसानी की खूबसूरत वादियों ने उन्हें प्रकृति प्रेमी बना दिया। कौसानी स्कूल में पढ़ते हुए शिक्षकों ने उनके जूनून में और पंख लगाने का कार्य किया। शिक्षकों की प्रेरणा से ही विद्यार्थी जीवन में कई पौधे स्कूल के आसपास और गांव में लगाए और 1987 में शिक्षा विभाग में प्रथम नियुक्ति के बाद से ही स्कूल के बच्चों के साथ प्रत्येक सप्ताह पौधरोपण का कार्य करते आ रहे हैं।
वह बताते हैं कि राष्ट्रीय पर्व और किसी भी कार्यक्रम में वे अवश्य पौधरोपण करते हैं। उन्होंने बताया कि जखेड़ा स्कूल के पास काफी भूमि थी। वन विभाग के अधिकारियों और ग्राम प्रधान ने उन्हें हज़ारों पौधे उपलब्ध कराए। उन्होंने विद्यालय के आसपास कई छायादार और फलदार तथा औषधीय पौधे लगाये हैं। आज बच्चे और ग्रामीण उनके लगाए पेड़ों से आंवला, संतरा, नीबू, केले, माल्टा आदि फल खा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि धरती को बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग से बचाना है तो अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा और पेड़ बनने तक उनका संरक्षण करना होगा।
उनकी इस उपलब्धि पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष देवेंद्र परिहार, लाहुरघाटी विकास मंच के अध्यक्ष और जखेड़ा के प्रधान ईश्वर सिंह परिहार, सचिव डी के जोशी, लमचुला के प्रधान मदन सिंह बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र मेहता, बीआरसी समन्वयक उमेश जोशी आदि ने उन्हें एक समारोह में सम्मानित करने का निर्णय लिया।