बाजपुर नगर निकाय चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच करारी टक्कर होती दिखाई दे रही है। जहाँ दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ चुनाव मैदान में उतार चुके है। देश और प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद बाजपुर में कांग्रेस नगर पालिका चेयरमेन प्रत्याशी ने जीत हासिल करने के लिए जीजान लगा दी है, तो वही भाजपा ने पैराशूट प्रत्याशी के मैदान में उतारने से दोनों मंत्रियों की इज्जत दांव पर लग गई है।
बता दे कि उत्तराखंड में नगर पालिका के परिसीमन के बाद विवाद शुरू हो गया था। जिसका नतीजा है कि बाजपुर में नगर पालिका के परिसीमन विवाद के चलते मामला हाईकोर्ट में गया था। जिसके चलते बाजपुर नगर पालिका में चुनाव संपन्न नहीं हो सके थे। हाई कोर्ट द्वारा चुनाव के आदेश होने के बाद प्रदेश सरकार ने चुनाव के आदेश कर दिए हैं।
नगर पालिका का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी मैदान में जुट गए है। कांग्रेस ने अपने पूर्व चेयरमैन गुरजीत सिंह को मैदान में उतारकर भाजपा के सामने चुनोती खड़ी कर दी है तो वही प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों की सिफारिश से पार्टी ने राजकुमार को मैदान में उतारा है। जिससे दोनों मंत्रियों की इज्जत भी भाजपा प्रत्याशी की जीत से जुड़ चुकी है।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से उनके द्वारा लगातार विकास कार्य किये गए है। दोनों मंत्रियों के मैदान में आने से किसी तरह का चुनाव पर फर्क नही पड़ेगा। वही भाजपा प्रत्याशी केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतिजो के बल पर चुनाव लड़ रहे है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे है।