देहरादून। थराली का उप चुनाव त्रिवेंद्र सरकार के लिए अग्नि परीक्षा बन गया है। इसका कारण पार्टी में ही टकराव है। भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब भाजपा के प्रत्याशियों में टकराव है और विपक्षी कांग्रेस पूरी तरह एकजुट, जिसके कारण पार्टी को समस्या झेलनी पड़ सकती है।
इस उप चुनाव में भाजपा ने जहां पूर्व विधायक मगन लाल शाह की पत्नी श्रीमती मुन्नी देवी को टिकट देकर उन्हें प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके भाजपा के कार्यकर्ता और हाल में ही पार्टी से जुड़े गुड्डू लाल का विरोध तो है, साथ ही साथ बलवीर घुनियाल का विरोध भी है। बलवीर घुनियाल पार्टी संगठन में मंत्री तथा एक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और उनका साफ कहना है कि पिछले तीन बार से वह चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें टरका दिया जाता है। इस बार वह चुप नही बैठेंगे। यह स्थिति शायद सत्तारुढ़ दल के लिए उचित न हो हालांकि प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, महामंत्री संगठन संजय कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह समेत तमाम दिग्गज थराली में ही डेरा डाले हुए है और पार्टी की प्रत्याशी मुन्नी देवी को जीताने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि उप चुनाव प्राय: सत्तारुढ़ दल के साथ ही रहते हैं लेकिन जिस तरह भाजपा में गुटबाजी हुई है वह अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं।
गुड्डूलाल की बगावत के बारे में पार्टी को अंदेशा था, लेकिन बलवीर घुनियाल के बारे में अंदेशा नहीं था, जिसके कारण पार्टी अपने को असहज पा रही है। यह बात अलग है कि डॉ. धन सिंह को प्रभारी बनाकर पार्टी ने अपनी प्राथमिक बढ़त ले ली है। इसी प्रकार आसपास के सभी विधायकों को चुनावी समर में झोंक दिया गया है। विधायक महेंद्र भट्ट को विशेष जिम्मेदारी दी गई है लेकिन इन विधायकों के लगने के बाद भी भाजपा की फूट का लाभ कांग्रेस प्रत्याशी को मिल सकता है।
कांग्रेस ने डॉ. जीतराम का नाम काफी पहले तय कर दिया था। डॉ. जीतराम के अलावा कोई और उम्मीदवार सामने नहीं आया था जिसके कारण उन्होंने पहले ही बढ़त ले ली है। अब भाजपा कि फूट का कितना लाभ उठा पाते हैं, यह समय बताएगा। 10 मई को दोनों दिग्गज यानि भाजपा की मुन्नी देवी और कांग्रेस के डॉ. जीतराम नामांकन दाखिल करेंगे। इस नामांकन के अवसर पर दोनों दलों के दिग्गज क्षेत्र में होंगे। कौन पार्टी जनता पर कितना प्रभाव डालेगी और जीत हासिल करेंगे, यह तो समय बताएगा पर त्रिवेंद्र सरकार के लिए इस चुनाव का विशेष महत्व है। यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गया है, जिसके कारण इस चुनाव को त्रिवेंद्र सरकार की अग्नि परीक्षा माना जा रहा है। हालांकि भाजपा के बागी बलवीर घुनियाल का स्वास्थ्य खराब हो गया है और उन्हें देहरादून रेफर कर दिया है, ऐसे में उनकी दावेदारी पर सवाल उठने लगा है। यह भाजपा के लिए सुखद खबर हो सकती है।