(मसूरी) कई सालों से 19 मई मसूरी के लिये बेहद खास रहता है और आज भी कुछ ऐसा ही रहा।ये दिन होता है मशहूर लेखक रस्किन बाॅंड का जन्मदिन औऱ इस साल बॉंड 84 साल के हो गये और अपने जन्मदिन की खुशियां उन्होने अपने घर और शहर के लोगों के साथ मनाई।19 मई को मसूरी में हर कोई शहर की टेढ़ी-मेढ़ी संकरी गलियों से होते हुए लैंडोर कैंटोंनमेंट की तरफ बढ़ जाता है। यहां है रस्किन बाॅंड का घर जो कि शहर भर में “आईवी काॅटेज” के नाम से मशहूर है। इस दिन आईवी कॉटेज़ मसूरी में किसी पर्यटक स्थल से कम नही होता। हर उम्र के बच्चों से लेकर, मीडिया कर्मी, शहर के विधायक, शहर के मेयर, रस्किन बाॅंड के फैन, उनकी किताबों को पढ़ने वाले पाठक और उन्हें चाहने वाला हर एक इंसान रस्किन बाॅंड को उनके 84 साल पूरे करने पर शुभकामनाएं देने सुबह से पहुंचने लगे।
अपने जन्मदिन के दिन रस्किन सुबह से चेहरे पर मुस्कान लिए उन सबकी शुभकामनाएं लेते दिखे। उनके जन्मदिन के तोहफे भी निराले होते हैं। फूलों के गुलदस्ते, जन्मदिन का केक, बेकरी की चीजें और जिसके पास जो होता है वह लेकर रस्किन के घर पहुंच जाता है और बॉंड मुस्कुराते हुए सबके तोहफे स्वीकार करते हैं। सबसे ज्यादा क्रेज़ लोगों में रस्किन के साथ सेल्फी खिंचाने का होता है जिसमें बॉंड अपने प्रशंसकों का पूरा साथ देते हैं।
रस्किन कहते हैं कि “मैं लोगों को अपने लिये ये सब करने देता हूं। ये मेरे जीवन की कमाई है और इससे उन्हें भी अच्छा लगता है। मेरा बस चले तो अपने जन्मदिन पर मैं अपने परिवार के साथ किसी शांत जगह पर पिकनिक मनाने चला जाऊं।”
हर साल रस्किन अपने जन्मदिन के दिन मसूरी में मौज़ूद कैंब्रिज बुक डिपो पर मिलते हैं। पिछले 16 साल से यह एक परंपरा की तरह बन गया है कि वह अपना जन्मदिन सुरेंद्र और सुनील अरोड़ा जो इस बुक डिपो के मालिक है उनके और अपने हज़ारों प्रशंसकों के साथ मनाते हैं।
“इस साल भी यह परंपरा जीवित रखी गई। न्यूज़पोस्ट से बातचीत में सुनील अरोड़ा ने बताया कि “रस्किन बॉंड दुकान पर लगभग 3ः30 बजे आते हैं, जिसके बाद कुछ देर बुक साइन करेंगे। उसके बाद बुक डिपो में रणजी दि म्यूज़िक मेकर बुक लॉंच की जाएगी और आखिरी में बॉंड की केट कटिंग सेरेमनी होगी।”
कहते हैं कि एक लेखक अपने काम से कभी रिटायर नहीं हो सकता और बाॅंड इसका जीता जागता सबूत हैं। इस साल भी रस्किन ने अपने जीवन का एक और खूबसूरत साल पूरा कर लिया है और अपने चाहने वालो औरक खासतौर पर बच्चों के लिये सदाबहार नई कहानियां लिखने का जुनून उनमें अभी भी किसी युवा लेखक की ही तरह दिखता है।