जोशीमठ आपदा प्रभावितों पर भारी पड़ सकती है मौसम की मार

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जोशीमठ के आपदा प्रभावितों पर मौसम की मार भारी पड़ सकती है। मौसम विभाग के जारी किए गए नए पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में 24 से 28 जनवरी तक भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। राज्य के पर्वतीय जिलों में बारिश के साथ-साथ 4 फिट से लेकर 7 फिट तक बर्फबारी होने की बात कही गई है। इसके लिए सरकार को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

आपदा प्रभावित जोशीमठ में बहुत हल्की बारिश और बर्फबारी के बाद शनिवार को मौसम साफ हो गया है और लोगों ने चैन की सांस ली है लेकिन मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान ने एक बार फिर आपदा प्रभावितों और शासन-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिन जनपदों में भारी बारिश और बर्फबारी की बात कही गई है उनमें चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चंपावत और अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले शामिल हैं।

मौसम विभाग निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि इस दौरान राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 5 से 7 फीट तक बर्फबारी हो सकती है। वही जोशीमठ क्षेत्र में 3 से 4 फीट तक बर्फ गिरने और बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की चेतावनी सच साबित होती है तो जोशीमठ आपदा का संकट और अधिक गंभीर हो सकता है।

आज मौसम में सुधार होते ही आपदा और राहत कार्यों को फिर शुरू कर दिया गया है। होटल डिस्मेंटल के काम के साथ आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण और ड्रेनेज सिस्टम का काम भी जारी है। अगर 24 जनवरी से मौसम खराब होता है तो यह काम लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता है। आपदाग्रस्त जोशीमठ का संकट और गंभीर हो सकता है। भूगर्भ से प्रभावित होने वाले पानी की गति जहां फिर बढ़नी शुरू हो गई है वहीं जमीन और भवनों की दरारों के चौड़े होने से लेकर नए भवनों में दरारें आने का क्रम भी लगातार जारी है।

ऐसे में प्रशासन के सामने उन घरों को खाली कराने का भी दबाव है, जिनमें अभी भी लोग रह रहे हैं। जिन घरों में दरारें आ चुकी हैं, उनकी संख्या 863 बताई जा रही है जबकि 269 परिवारों को अभी तक राहत शिविरों में तक लाया गया है बाकी लोग अभी भी दरार वाले घरों में ही रहने को मजबूर हैं। खराब मौसम के कारण अगर कुछ बड़ा प्रभाव होता है तो इन लोगों की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है। इससे बचाव और राहत कार्यों का प्रभावित होना तो तय है। हालांकि शासन स्तर से सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण आपदा प्रभावितों में भारी बेचैनी है।