“थिंग्स टू लीव बिहाइंड”, नमिता गोखले की नई किताब का देहरादून में विमोचन

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भारतीय प्रख्यात लेखिका व साहित्यकार नमिता गोखले की नयी पुस्तक थिंग्स टू लीव बिहाइंड का विमोचन आज देहरादून में विश्व प्रसिद्ध भारतीय लेखक रस्किन बोंड ने किया। यह लोकार्पण कार्य्रकम दून रीडींग ने दून लाइब्रेरी एंड रिर्सच सेंटर तथा पैंगुइन रैंडम हाउस के साथ मिलकर आयोजित किया था। यह किताब पैंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित की गई है। बाद में नमिता गोखले और नीता गुप्ता ने इसपर परिर्चचा भी की।

उन्होंने बताया की यह किताब 1840 से 1912 की कहानी है जो अपने आप में एक मिली जुली कहानी है। यह एक दमदार एतिहासिक उपन्यास है जो हिमालयन त्रय रचना की आखिरी कड़ी है और लेखिका की सबसे महत्वाकांक्षी रचना है। 1856 की खूबसूरत कुमाऊँ का वर्णन,उनके पहनावे का वर्णन,उस समय उनके ऊपर हुए अत्याचार का वर्णन, अंग्रेजों का भारतीयों के लिए रवैया, 1857 की बगावत और बहुत कुछ अपने में समेटे हुए हए है यह किताब।

किताब की लेखिका ने कहा कुछ चीजें छूटकर भी नहीं छूटती और कुछ बातें भूलकर भी नहीं भूलती और इन्हीं सबका मिश्रण है थिंग्स टू लीव बिहाइंड। नीता गुप्ता और नमिता गोखले ने अपनीं कुमाऊँ की कुछ पुरानी यादें ताजा की।

समारोह में रस्किन बोंड ने कहा की ऐतिहासिक किताब लिखना किसी भी लेखक के लिए आसान नहीं पर नमिता गोखले ने इसे बड़ी सहजता और आत्मविश्वास से लिखा है। उन्होंने कहा लेखिका अपनी हर किताब से और निखरती जा रही।