दिवाली का त्यौहार सभी के लिए बहुत खास होता है।और इस खास त्यौहार को मनाने की तैयारियां महीनों से चलने लगती है।इन त्यौहारों में मिठाईयां और नमकीन एक अलग ही महत्व रखते हैं।लेकिन अगर यह मिठाई आपके अपने खेतो में पैदा होने वाले मंडुए की हो तो उसका स्वाद और बढ़ जाता है।
जी हां,संदीप सकलानी और कुलदीप रावत ने देवकौश आर्गेनाईजेशन की शुरुआत लगभग एक साल पहले फ़ूड प्रोसेसिंग से करी थी जिसकी सराहना सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी की थी।इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट में उन्होंने कोदर्फ़ी (मंडवा बर्फी), तिम्ले का अचार(अंजीर अचार), चूलू(वाईल्ड एप्रिकोट), मशरुम और अन्य पहाड़ी उत्पादों में काम किया जो सभी सफल रहे और आज पूरे देश के कोने-कोने में कोदर्फ़ी और अन्य प्रोड्क्टस की डिमांड है।
लेकिन इस दिवाली देवकौश ऑर्गेनाईजेशन कुछ नई मिठाईयां और नमकीन लेकर बाजार में आ रहे हैं।इन सारे फूड प्रोडक्ट की खास बात है कि यह सब मंडुआ,मिलेट और मालू के पत्तों से बनाए गए हैं।जिस तरह से कुमाऊं की बाल मिठाई दुनियाभर में मशहूर है ठीक उसी प्रकार गढ़वाल और खासकर के ओल्ड टिहरी की सिंगोरी मिठाई लोगों में बहुत मशहूर थी लेकिन बदलते समय के साथ यह मिठाई मानो विलुप्त होने की कगार पर आ गई थी।लेकिन इन युवाओं ने गढ़वाल की मशहूर मिठाई सिंगोरी को भी एक नए रुप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया है।
इस बारे में और बात करते हुए हमें संदीप सकलानी ने बताया कि, “हमारी बर्फी तो लोगों को पसंद आती है और अब हम गढ़वाल की मशहूर सिंगोरी को भी बाजार में ला रहे हैं।सिंगारो को हम मालु के पत्तों में लपेटकर बाजार में उतारेंगे जो कि एक बेहतरीन नेचुरल प्रिज़रवेटिव है।संदीप बताते हैं कि, “मालु के पत्ते ना केवल एक प्रिजरवेटिव का काम करते हैं बल्कि यह सेहत के लिए भी अच्छे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले लोग पहाड़ों मे मालु के पत्तों पर ही खाना खाते थ। सिंगोरी मंडुए,ड्राई फ्रूट,चॉकलेट,चीनी और गुड़ से बनाई जा रही।इसमें हम क्षेत्रीय घी का इस्तेमाल कर रहे हैं हालांकि दिवाली के समय में ऑर्डर ज्यादा होने की वजह से हमें पतंजलि का घी भी इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन बाकी सारी चीजें हम वहीं रखते हैं।”
जिस तरह से लोग बाल मिठाई को दुनियाभर में जानते हैं उसी तरह से सिंगोरी को भी उसकी पहचान वापस दिलाने की इस मुहिम में यह युवा लगे हुए हैं।इस दिवाली अपने ग्राहकों के लिए इनके पास भाकर बड़ी जो मंडुआ और झंगोरे से बनी है,मंडुए की मटरी,मंडुआ नमक पारा,मिलेट पीनट्स और तरह-तरह के स्नैक्स हैं।
बीते दिनों खुद सीएम रावत ने इनके नए प्रोडक्स को एक बार फिर मार्केट में लॉंच किया और साथ में कहा कि आने वाले दिनों में सिंगोरी मिठाई उत्तराखंड की पहचान बनेगा और हर तरफ इसके स्वाद के चर्चे होंगे।आपको बतादें कि खुद सीएम के घर पर लगातार इन मिठाईयों का ऑर्डर जाता है और इस दिवाली के लिए भी उन्होंने देवकौश ऑर्गनाइजेशन को बड़ा ऑर्डर दिया है।
इसके अलावा इन मिठाईयों को सबसे सराहना मिला रही औऱ काफी पसंद किया जा रहा।बीते दिनों कोटद्वार के एक विधायक ने कहा कि उत्तराखंड की यह कोदर्फी और सिंगोरी आने वाले दिनों में हल्दीराम जैसी कंपनी को भी पछाड़ देगी।
तो अगर इस दिवाली आप भी अपनों को कुछ शुद्ध,स्वादिष्ट और गुणों से भरपूर देना चाहते हैं तो देवकौश के कोदर्फी,सिंगोरी और स्नैक्स जरुर चखें और अपनों को एक सेहतमंद तोहफा दें।