अध्यात्मः जानिए क्यों खास है इस बार की नवरात्रि,दो गुरुवार का है शुभ संयोग

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(देहरादून) बुधवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि का समापन नौ दिन बाद 19 अक्टूबर को होगा। इस बार की नवरात्रि में दो गुरुवार आएंगे, जिसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। क्योंकि गुरुवार को दुर्गा पूजा का शुभ फल मिलता है। नवरात्रि का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। वहीं नवमी श्रवण नक्षत्र में है, इस दिन ध्वज योग भी है। नौ दिन माता के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करेंगे।  इस बार मां दुर्गा नौका पर आ रहीं हैं।

दो गुरुवार का अत्यंत शुभ संयोग

नव दिन की नवरात्रि में दो गुरुवार आएंगे। यह अत्यंत शुभ संयोग है क्योंकि गुरुवार को दुर्गा पूजा का हजार, लाख गुना नहीं करोड़ गुना फल मिलता है। लाभ, शुभ, अमृत (राहु काल छोड़कर) स्थिर लग्न में घट स्थापना कर सकते हैं। ग्रह स्थिति में स्वगृही शुक्र आदि योग से नवरात्रि अत्यंत शुभ मानी जा रही है।

इस बार की नवरात्रि क्यों है खास

नौकावाहन पर आगमन होने से सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है। इस वर्ष नवरात्रि 9 दिन हो जाने के चलते पूरा संयोग ही बेहद शुभ साबित होने वाला है। जब भी 9 दिन नवरात्रि मनाई जाती है तो ये दिन शक्ति की उपासना के लिए बेहद शुभ होते हैं। ये देश में खुशहाली के संकेत हैं।

विशेष मूहूर्त में करें कलश स्थापना

शुभ कार्य की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। नवरात्रों में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। आचार्य सुभाष जोशी के अुनसार सुबह 06:18 बजे से 10:11 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। वैसे तो नवरात्र शुरू होने पर ही शुभ समय शुरू हो जाता है। अगर किसी कारणवश विशेष मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो पूरे दिन किसी भी समय कलश स्थापना कर लें, क्योंकि मां अपने भक्तों का कभी बुरा नहीं मानतीं।

बाजारों पर चढ़ने लगा मां की भक्ति का रंग

बाजारों में भी श्रद्धालु नवरात्रि की खरीददारी करते नजर आ रहे हैं। माता की चुनर, बिंदी, रोली, चंदन, शृंगार का सामान, फूल, जौ, तिल, तेल आदि की खूब बिक्री हो रही है। हनुमान चौक और पलटन बाजार में नवरात्रि की रौनक देखने को मिल रही है।

शारदीय नवरात्रि

  • 10 अक्टूबर (बुधवार) 2018: घट स्थापन और मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • 11 अक्टूबर (गुरुवार) 2018: मां चंद्रघंटा पूजा
  • 12 अक्टूबर (शुक्रवार) 2018: मां कुष्मांडा पूजा
  • 13 अक्टूबर (शनिवार) 2018: मां स्कंदमाता पूजा
  • 14 अक्टूबरर (रविवार) 2018: सरस्वती आह्वाहन
  • 15 अक्टूबर (सोमवार) 2018: मां कात्यायनी पूजा
  • 16 अक्टूबर (मंगलवार) 2018: मां कालरात्रि पूजा
  • 17 अक्टूबर (बुधवार) 2018: मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महानवमी
  • 18 अक्टूबर (गुरुवार) 2018: दुर्गा नवमी
  • 19 अक्टूबर (शुक्रवार) 2018: नवरात्र पारायण/ विजय दशमी