नियमों को ब्रेक तले रोंद रहे हैं तिपहिया चालक

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(ऋषिकेश) अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में मानसूनी आहट के बाद चार धाम यात्रा भले ही ठंडी हो गई हो लेकिन इसके बावजूद तिपहिया चाल को की मनमर्जी लगातार जारी है। शहर में यात्रियों की संख्या घटने के बावजूद हम नहीं सुधरेंगे की कहावत को चरितार्थ करते हुए तिपहिया चालक यात्रियों से मुंह मांगा किराया वसूल रहे हैं ।इसकी मार बाहर से आए पर्यटक एवं श्रद्धालुओं के साथ साथ स्थानीय यात्रियों पर भी पड़ रही है।
शहर में बिना किसी नियम के तिपहिया कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इस वजह से शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बन जाती है। इतना ही नहीं तिपहिया चालक मनमाना किराया वसूल करते हैं, जिससे कई बार सवारियों से विवाद होता है। शहर में इस सैकड़ों तिपहिया फर्राटा भरते नजर आ जाएंगे। इसकी वजह से उन रास्तों पर भी जाम लग जाता है, जिस रास्ते पर सवारी गाड़ियां नहीं चलती हैं। इस पर न तो प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न ही यातायात पुलिस कोई कार्रवाई करती है। जिसका नतीजा है कि प्रतिदिन आटो की संख्या बढ़ती जा रही है।
हरिद्वार रोड़ पर तो तिपहिया की लाइन लगी रहती है, जिसकी वजह से मोटर साइकिल सवारों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है। यही हाल दून तिराहे पर भी देखने को मिलता है,जिससे यहां वाहनों का निकलना मुश्किल रहता है। ऋषिकेश की यातायात व्यवस्था को लेकर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी का कहना है कि वह जगह-जगह जाने वाले वाहनों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाकर उनके चालान भी काटते हैं लेकिन उसके बावजूद भी लगातार वाहनों के नगर में बढ़ने के कारण इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना ट्रैफिक पुलिस के जवानों को भी करना पड़ रहा है प्रतिमा 300 से 400 वाहनों के चालान काटकर उनसे जुर्माना भी काटा जाता हैं
परशुराम महासभा की अध्यक्ष सरोज डिमरी ने बताया कि तिपहिया की वजह से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं और इस पर प्रशासन को तत्काल कोई कार्रवाई करनी चाहिए।समाजसेवी वाई एस भण्डारी के अनुसार तिपहिया चालकों पर तीर्थ नगरी मे प्रशासन का कोई अंकुश नही है।नियमों की अनदेखी कर लोगों की जान को जोखिम मे डालने वाले तिपहिया चालक निर्धारित किराये से ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।विरोध करने पर लड़ाई झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।उन्होंने प्रशासन पर इसके खिलाफ कढी कारवाई की मांग की है।