सरकार के ऐशो-आराम के लिए किसने मांगी भीख, जानिए

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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आम आदमी की बड़ी पहल। मंत्रियों और नौकरशाहों के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बागेश्वर में 2 लोगों ने अनोखा तरीका अपनाया। इन दोनों ने पूरे दिन सड़क पर भीख मांगी और जमा किए गए कुल 2.642 रुपये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजे।

59 साल के रमेश पांडे ‘कृषक’ और 61 साल के एन.बी. भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार कर्ज के बोझ तले दबी है और इसलिए उन्होंने मंत्रियों का खर्चा निकालने के लिए सड़क पर भीख मांगने का फैसला किया। पांडे ने कहा, ‘राज्य सरकार 45,000 रुपये के कर्ज तले दबी है, जो कि कर्जधारकों से लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब सरकार ही भिखारी बन चुकी है तब हमने उनकी मदद करने की सोच से मुख्यमंत्री के लिए भीख के जरिए पैसा जुटाने का फैसला किया ताकि वे कैबिनेट और मंत्रियों का खर्चा निकाल सकें।’

इधर, 3 जून को दोनों हाथ में प्लेकार्ड लिए घर-घर घूमें। इस प्ले-कार्ड पर लिखा था, ‘नेताओं के ऐश-ओ-आराम के लिए भीख दो’ । स्थानीय निवासी हिमांशु गड़िया ने कहा, ‘पहले तो हम ये पोस्टर देखकर हैरान रह गए। लेकिन इसके पीछे जो संदेश दिया गया था वह साफ था। एनएच74 जैसे स्कैम हर दिन सामने आ रहे हैं। इससे यह जाहिर होता है कि सरकार जनता को लेकर गंभीर नहीं है।’

भटट् और पांडे 1976 से दोस्त हैं और उन्होंने बहुत से आंदोलन जैसे चिपको आंदोलने सहित कई प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है। भट्ट बताते हैं, ‘उत्तराखंड को अस्तित्व में आए 16 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। सत्ता में आने वाली सरकार ने लोगों के लिए कुछ नहीं किया है।’