रिस्पना-कोसी पुनर्जीवीकरण को लेकर अभियान छह से

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देहरादून। राज्य स्थापना समारोह श्रृंखला के तहत छह नवम्बर को रिस्पना और कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक जन अभियान शुरू किया जाएगा। देहरादून में रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के शुभारंभ पर प्रख्यात पर्यावरणविद् मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जलपुरुष डॉ. राजेन्द्र सिंह उपस्थित होंगे। साथ ही राज्य सरकार ने सचिदानंद भारती को भी इस कार्यक्रम में आंमत्रित किया है। वहीं कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण कार्यक्रम में अल्मोड़ा में प्रभारी मंत्री और स्थानीय विशेषज्ञों की उपस्थिति रहेगी।
गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में ईको टास्क फोर्स के अधिकारियों के साथ रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए कार्ययोजना की रूप रेखा पर चर्चा की। छह नवम्बर को रिस्पना नदी से कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी छह नवम्बर को रिस्पना नदी के जल को हाथ में लेकर इसके पुनर्जीवीकरण का संकल्प लेना होगा। राज्य सरकार का सिंचाई विभाग इसके लिए नोडल विभाग होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों, प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से रिस्पना पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना के स्रोत स्थल मसूरी के लंढौर से यह कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए की सर्वे करवा लिया जाए कि नदी के कैचमेंट एरिया में कितनी संख्या में और कौन-कौन सी प्रजाति के पेड़ लगने हैं। उन्होंने कहा कि कार्य योजना के अन्तर्गत वन विभाग को पर्याप्त संख्या में वृक्ष तैयार करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। यह दिन पूरी तरह से इको फ्रेंडली तरीके से आयोजित किया जाएगा। आसपास के अधिक से अधिक गांवों को इससे जोड़ा जाएगा। पूरी रिस्पना नदी के मार्ग में आठ ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां आसपास के ग्रमीणों और स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों, स्वैच्छिक श्रमदान करने वाले, गैर-सरकारी संगठनों व जूनियर टास्क फोर्स द्वारा श्रमदान करके कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग कार्य किया जाएगा। वृक्षारोपण के लिए गड्ढे बनाने व जल साफ करने के लिए विशेष एंजाइम युक्त छिड़काव का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। जगह-जगह ट्रैंन्चों का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धन के समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए हर प्रकार के सहयोग व सहायता का आश्वासन दिया है। पालीथीन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए जन जागरुकता पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि ‘रिस्पना से ऋषिपर्णा’ मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा गम्भीरता से रिस्पना नदी को साफ करने तथा इसके पुराने स्वरुप में लौटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन राज्यवासियों की व्यापक सक्रिय भागीदारी से ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है।उन्होंने जनता विशेषकर युवाओं, विद्यार्थियों से इस अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वयं रिस्पना की सफाई हेतु 67 दिनों तक श्रमदान का कार्य कर चुके हैं। उन्होंने सभी जनपदों में कम से कम एक प्रमुख नदी/जलस्रोत के पुनर्जीवीकरण का लक्ष्य रखा है। उन्होंने हाल ही में उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण के दौरान ईको टास्क फोर्स के दो जवानों की मृत्यु हो जाने पर उन जवानों के परिवार को सहायता राशि देने के निर्देश भी दिए। उक्त जवानों के आश्रितों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर ईको टास्क फोर्स के सीओ कर्नल एचआरएस राणा व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।