राज्य में बीजेपी सरकार बनने के बाद पहला मौका आया जब सरकार ने पुरानी कांग्रेस सरकार के द्वारा चलाई गई किसी स्कीम का नाम बदल दिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विभाग की बैठक कर कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई ”मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ” योजना का नाम बदलकर ”पंडित दीनदयाल मातृ-पित्र तीर्थाटन योजना” करने का फैसला किया। हरीश रावत सरकार के दौरान शुरू की गई इस योजना के तहत 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को चार धाम यात्रा के लिये सरकारी आवासों में मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था की जाती रही है।
वहीं इस फैसले पर मंत्री का कहना है कि पहले इस स्कीम का फायदा केवल गंगोत्री, बद्रीनाथ, नानकमत्ता और रीठा साहिब आने वाले बुजुर्गों को मिल रहा था। लेकिन नये रूप में अब इसके स्कीम के तहत काली मठ, जागेशवर, गोलू देवता, गंगोली घाट, बैजनाथ और ताड़केश्वर जैसे धार्मिक जगहों को भी जोड़ा गया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस राज में ये स्कीम शुरू की गई थी गंगोत्री और बद्रीनाथ के लिये। इसे मिली सफलता को देखे हुए सरकार ने इसमे रीठा साहिब, नानक मत्ता और पीरन कलियर को जोड़ दिया था। पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पहले इस स्कीम का फायदा सभी वर्ग के बुजुर्ग उठा रहे थे। लेकिन अब इसके दायरे में केवल वही लोग आयेंगे जो इनकम टैक्स नहीं देते हैं। इसके लिये आधार कार्ड से जुड़ी जानकारियों की मदद ली जायेगी। इस कदम से इस स्कीम का फायदा सही तरीके से उन लोगों को मिलेगा जो इस तरह की धार्मिक यात्राऐं नहीं कर सकते हैं।
विभाग के मुताबिक वृद्ध लोग तुरंत इस स्कीम के अंतर्गत पंजीकरण के लिये जगह से संबंधित जिला प्रशासन के पास आवेदन कर सकते हैं। सफर करने वाले वृद्धों के लिये रहने खाने और मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम करने के लिये जीएमवीएन और केएमवीएन के गेस्ट हाउस को निर्देशित कर दिया गया है।
वहीं कांग्रेस इस कदम को राजनीति से प्रेरित बता रही है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि “राज्य में सत्ता में आने पर हमने ‘मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ’ योजना को शुरू किया था।वर्तामान सरकार केवल योजनाओं में कटौती करने का काम कर रही है। इस सरकार के पास कुछ नया नहीं है इसलिये कांग्रेस सरकार की योजनाओं को हाइजैक कर रही हैं। जीएसटी, मनरेगा से लेकर अाधार तक सभी योजनाओं का पहले बीजेपी ने विरोध किया और अब उन्हीं योजनाओं को अपनी उपलब्धी बता रहे हैं।”