(गोपेश्वर) बदरीनाथ-केदारनाथ आने वाले यात्री सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग से ही यात्रा नहीं कर रहे है बल्कि केदारनाथ के दर्शन के बाद कुंड, उखीमठ, चोपता, मंडल,गोपेश्वर से होते हुए बदरीनाथ की यात्रा के लिए जा रहे है और बदरीनाथ के दर्शन के बाद इस मार्ग से यात्री केदारनाथ भी जा रहे है। लगभग 40 किमी का यह यात्रा मार्ग बुग्याल और घनाघोर जंगल से होकर गुजरता है लिहाजा तीर्थाटन के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी यह मोटर मार्ग आकर्षण का केंद्र बना है।
ऋषिकेश से लेकर गौरीकुंड और बदरीनाथ मार्ग तक घनाघोर जंगल कम ही है मगर गोपेश्वर चोपता मोटर मार्ग में लगभग 22 किमी की दूरी पर दोनों ओर घनाघोर जंगल है। अनेक प्रजाति के पेड व लताये तथा वन्य प्राणी है। यह क्षेत्र केदारनाथ वल्र्ड संचुरी के अंतर्गत आता है। मार्ग में चोपता जैसे बुग्याल है तो मंडल से लेकर पांगरवासा, दुगलबिट्टा में खरसू, मौरू, बांज, बुरांश के जंगल है। इसलिए यात्रियों व पर्यटकों का यह पसंदिता मार्ग है। इस मार्ग पर आजकल खूब चहल पहल है। जिससे स्थानीय दुकानदारों की भी आर्थिकी चल रही है। सगर में चाय, पकोडी की दुकान चला रहे माइकल, चोपता में होटल व ढाबा चला रहे हयात सिंह बताते है कि इस मार्ग पर यात्रा चलने से उनकी आर्थिकी को बल मिल रहा है। इस पूरे रूट पर लगभग सौ से अधिक छोटे बडे दुकानदार जुडे है। टेट और कैंप व्यवसाय से भी युवा वन विभाग की अनुमति लेकर अपना व्यवसाय कर रहे है। जिसमें यात्री रात्रि को ठहर रहे है। यात्री तुंगनाथ, अनसूया मंदिर और रूद्रनाथ के दर्शन के दर्शन के लिए भी जा रहे है।