चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि पर याद आई वीरों की परंपरा

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ऋषिकेश, उत्तराखंड सैन्य पृष्ठभूमि का प्रदेश है, यहां के ज्यादातर घरों से युवा भारतीय सेना में अपना विशेष योगदान रखते हैं। यही कारण है की गढ़वाल राइफल्स समेत सेना की विभिन्न बटालियन में उत्तराखंड के वासियों की विशेष जगह रहती है क्योंकि उत्तराखंड की भूमि कई वीर सैनिकों की जन्मभूमि रही है।

ऐसे ही एक वीर थे चंद्र सिंह गढ़वाली जिन्हें आज पूरा उत्तराखंड याद कर रहा है निशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान स्कूल मायाकुंड ऋषिकेश में आज पेशावर कांड के महानायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि(1 अक्टूबर1979) के उपलक्ष्य में श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर स्कूल के संरक्षक समाजसेवी कमल सिंह राणा ने जानकारी देते हुवे बताया कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली वीर सैनिक थे,उन्हें भारतीय इतिहास में पेशावर कांड के महानायक के रूप में याद किया जाता है। देश की रक्षा में उनका अहम योगदान रहा है।23 अप्रैल 1930 को हुए पेशावर कांड में हवलदार मेजर चन्द्र सिंह गढवाली के नेतृत्व में रॉयल गढवाल राइफल्स के जवानों ने ब्रिटिश कमांडर के आदेश को ना मानते हुवे भारत की आजादी के लिये लड़ने वाले निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से मना कर दिया था। बिना गोली चले, बिना बम फटे पेशावर में इतना बड़ा धमाका हो गया कि एकाएक अंग्रेज भी हक्के-बक्के रह गये, उन्हें अपने पैरों तले जमीन खिसकती हुई सी महसूस होने लगी। इस अवसर पर स्कूल के निदेशक डॉ राजे नेगी,उत्तम असवाल,मीनाक्षी राणा,प्रियंका कुकरेती,प्रिया क्षेत्री,दीपिका पंत,आशुतोष कुडी याल, रमेश लिंगवाल,मनोज नेगी उपस्थित थे।