इस दिवाली लुत्फ उठायें इन सेहतमंद उत्तराखंडी पकवानों का

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दिवाली त्योहार सिर्फ रोशनी का ही नहीं बल्कि मिलने-मिलाने, हंसने-गाने, एक दूसरे के घरों में जाकर गिफ्ट और मिठाई बांटने का भी है। यानि कि दिवाली पर हम अपने घर को सजाते हैं और खुलकर अपनी मेहमान नवाज़ी दिखाते हैं। मेहमान नवाज़ी का सबसे अहम तरीका होता है खाने में कुछ हट के पेश करना। हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे पहाड़ी पकवान जिन्हें बनाकर आप सबकी वाहवाही तो लुटेंगे साथ अपनी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी ले सकेंगे।

झंनगोरा की खीर

हमारे त्योहारों में मीठे का क्या महत्व है सब जानते हैं। झंनगोरा की खीर उत्तराखंड में सबसे प्रसिद्घ है। इस खीर को जो एक बार खाता बार-बार चाहता है। ये बारिक चावलों से में गाढ़े दूध में बनाई जाती है।

 

गुलगुला

उत्तराखंड में आए टूरिस्टों में काफी मशहूर हैं ये गुलगुले। ये मिठाई गुड़ से बनाई जाती इसलिए सेहतमंद भी होती है। धीरे-धीरे ये उत्तर भारत के और भी इलाकों में मिलने लगी है। अगर आप इसे अपनी प्लेट में सर्व करेंगी तो मेहमान जरुर उंगलिया चाटते रह जाएंगे।

 

 

अर्सा 

उत्तरखंड का ठेठ पकवान है अर्सा, जो घरों में अक्सर खास मौकों पर बनते हैं। जितनी ये टेस्ट में अच्छे होते हैं, उतने ही ये सेहत के लिए भी अच्छे होते हैं। उत्तराखंड का हर त्योहार अर्सा के बिना अधूरा है।

 

सिंगोरी

जिसे देसी भाषा में सिंगोड़ी कहते हैं, सिंगोड़ी मिठाई का स्वाद भी भुलाना आसान नहीं। उत्तराखंड की ये खास मिठाई खोए से बनती है, मालू के पत्ते में पेश की जाती है। ये मिठाई कोन आकार की होती है। जो टिहरीमें ज्यादा प्रचलित है।

आलू के टुक

अगर आपका शुगर लेवल कुछ बढ़ गया है तो ज़रा चटपटा हो जाए। उत्तराखंड में आमतौर पर घ- घर में त्योहारों पर बनते हैं आलू के टुक। इसमें आलुओं को गोल-गोल आकार मे काटा जाता है। औऱ फ्राइज़ की तरह होते हैं लेकिन गांव के चटपटे मसालों के साथ, इसे आप चाहे पुदीना चटनी के साथ खाएं या भांग की चटनी के साथ।

भांग की चटनी

क्या हुआ हैरान हो गए भांग की वो भी चटनी। उत्तराखंड में भांग के पत्तों की सब्ज़ी हर थाली की शान है। किसी भी खाने का टेस्ट और बढ़ाना हो तो भांग की चटनी बनाना न भूलें

 

काफुली

अगर आप हरे साग के शौकिन है तो देसी तरीका काफुली ज़रुर ट्राई करें। पालक और मैथी के पत्तों को मिलाकर पीस कर बनीं सब्ज़ी को काफुल कहते हैं। डाइट कर रहे लोगों के लिए तो किसी वरदान से कम नहीं। इसे लोहे की कढ़ाई में बनाने से शरीर को आइरन भी मिलता है।