मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 16 जुलाई को होने वाला हरेला पर्व पर सभी जिलाधिकारियों को लक्ष्य निर्धारित कर पौधारोपण करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि यह एक सांस्कृतिक पर्व है, लोगों को इसके साथ जोड़ते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाय। इसके साथ ही हरेला में लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा का भी ध्यान रखे। उन्होने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिलों में कम से कम एक नदी/वॉटर बॉडी/तालाब को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य ले। नैनीताल में सूखा ताल को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखे, इस सीजन में वृक्षारोपण अभियान ऐसी नदियों को ध्यान में रखते हुए किया जाय।
बागेश्वर में कलना गदेरा को पुनर्जीवन हेतु चुना गया है जहाँ लगभग 2-3 लाख पौधे लगाए जाएँगे। जिलाधिकारी बागेश्वर ने अंकुरण कार्यक्रम जड़ी बूटी, दालचीनी और अन्य मसालों के लिए, शहतूत के प्रोत्साहन के लिए शुरू किया है। देहरादून में सुस्वा नदी एवं, हरिद्वार में रानीपुर रो नदी को पुनर्जीवन हेतु चुना गया है।
पौड़ी में नयार नदी को चुनने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री ने जिलाअधिकारी पौड़ी को 16 जुलाई को 50 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य दिया। मुख्य विकास अधिकारी देहरादून ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा आगामी 16 जुलाई को 25 हजार पेड़ों का वृक्षारोपण पूरे जिले में किया जाएगा तथा इस पूरे मौसम में सात लाख पेड़ लगाए जाएंगे।