इन दिनों देश भर में इस बात को लेकर बहस छिड़ी है कि क्या सत्ताधारी नेताओं को किसी भी तरह के विरोध से परहेज है? अंग्रेज़ी में कहते हैं कि “fall in line or fall out”. उत्तराखंड भी इस तरह मुद्दों से अछूता नही रहा है। हाल ही में यूट्यूब पर सरकार और मुख्यमंत्री रावत की निंदा करते हुए गायक पवन सेमवाल ने गाना क्या डाला वो एसा वायरल हुआ कि अब इसका वायरल बुखार सरकार को चढ़ता दिख रहा है। दरअसल टिहरी के रहने वाले पवन सेमवाल ने “उत्तराखंड जागी जावा” नाम से एक वीडियो यूट्यूब पर डाला। दरअसल इस गाने में पलायन, कानून व्यवस्था और शराब बिक्री पर राज्य सरकार को विफल बताया गया है।
जहां ये गाना रातों रात लोगों के बीच वायरल हो गया है वहीं सरकार इसे लेकर गायक को कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस गाने में सरकार और खासतौर पर मुख्यमंत्री के लिये आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते सरकार कानूनी सलाह ले रही है।
गायक पवन का कहना है कि उन पर भी की जगहों से इस गाने को यूट्यूब से हटाने का दबाव डाला जा रहा है। पवन का कहना है कि गाने में किसी व्यक्ति विशेष पर हमला करने की मंशा नही थी बल्कि राज्य के हालात पर ध्यान दिलाने की तरफ था। फिर भी ऐसा लगता है कि सरकार दिन खत्म होते होते अपनी बात मनवा सकी और पवन ने बिना शर्त माफी मांग ली।
बीजेपी के प्रवक्ता देवेंद्र भसीन ने कहा कि “गायक ने खुद सीएम से माफी मांग ली है और गाने में से जो चित्र सीएम के थे उन्हे हटा दिया गया है।अब इस मुद्दे का पटाक्षेप कर देना चाहिये।”
वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार को घेरने का मौका ढूंढ लिया है।कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने कहा है कि इस गाने को लेकर पवन सेमवाल पर दबाव बनाना गलत है और ये दिखाता है कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिये क्या क्या कर सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी राज्य उत्तरा प्रकरण देख चुका है। एक टीचर से सीएम की जनता दरबार में हुई बहस के कारण सीएम ने उसे हाथों हाथ सस्पेंड कर दिया था। इस वाक्ये में भी मुख्यमंत्री की देशभर में खासी किरकिरी हो गई थी। उम्मीद यही की जा रही है कि इस बार सरकार कोई ऐसा कदम न उठाये जिसके चलते उसे फिर परेशानियों का सामना करना पड़े।