देहरादून, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी मामले में फरार दो आरोपितों को पुलिस ने नेपाली तिराह से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के पास फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद हुआ है।
बीते जनवरी माह में बीएसएम चौक -हरिद्वार निवासी पारस कुमार ने थाना ऋषिकेश में तहरीर दिया था। तहरीर में बताया कि एम्स ऋषिकेश में संविदा पर नौकरी लगाने के नाम पर उससे दीपक गोवारी पुत्र इंद्र गोवारी के ने ढाई लाख रुपए लेकर नौकरी का एक नियुक्ति पत्र दिया, जो फर्जी है। बताया की दीपक के साथ कुछ लोग मिलकर एम्स में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए लेकर धोखाधड़ी कर रहे हैं।
पुलिस ने उस दौरान दीपक गोबारी व उसके अन्य सात साथियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एम्स सम्बन्धी फर्जी दस्तावेज बरामद कर जेल भेजा था। इसी मामले में फरार चल रहे दीपक तोमर पुत्र सहेन्द्र सिंह निवासी 614 बी रेसकोर्स निकट पुलिस लाइन देहरादून और महेश आर्य पुत्र तोताराम आर्य निवासी पंजाब सिन्ध क्षेत्र धर्मशाला मुखर्जी मार्ग ऋषिकेश देहरादून को नैपाली तिराहा से गिरफ्तर किया है। दोनों के पास से एम्स में विभिन्न पदों पर नौकरी के कई फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किया है। इनमें प्रो रविकान्त डायरेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर हैं। एम्स ऋषिकेश के कई ब्लैंक लेटर पैड और कोर सिक्योरिटी कम्पनी में विभिन्न पदों के लिये फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुआ है।