मिसाइल परीक्षण में देर होने पर कि ने दो शीर्ष अधिकारियों की ली जान

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प्योंगयांग। उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन पर परमाणु और मिसाइल परीक्षण की सनक इस कदर सवार है कि इस कार्यक्रम में तनिक देर भी उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। हाल में मिसाइल परीक्षण में देर होने पर उन्होंने अपने दो शीर्ष अधिकारियों की हत्या करा दी है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

समाचार एजेंसी योनहॉप के अनुसार, इनमें से एक अधिकारी ने परमाणु बेस पर हुए हादसे की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद मिसाइल परीक्षण कुछ दिन के लिए टल गया था। यह मिसाइल परीक्षण तीन सितंबर को किया गया था।

परमाणु अड्डे को चलाने और इमारत की देखरेख करने की जिम्मेदारी इसी अधिकारी पर थी और उसका नाम पर्क इन-यंग बताया जा रहा है। पर्क इन-यंग सत्तारूढ़ पार्टी की सेंट्रल कमेटी के डिविजन यानी ब्यूरो 131 के प्रमुख था। इस कमेटी पर उत्तर कोरिया के सैन्य संस्थानों, परमाणु स्थलों और उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र की निगरानी करने की जिम्मेदारी रहती है।

इससे पांच दिन पहले तानाशाह ने जनरल ह्वांग प्योंग-सो को मरवा दिया था। वह उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग-उन के बाद दूसरे सबसे शक्तिशाली शख्स थे। ह्वांग प्योंग-सो उत्तर कोरिया की सेना में वाइस मार्शल थे। वह पिछले कुछ दिनों से अचानक लापता हैं। अब यह माना जा रहा है कि किम जोंग-उन ने उनको मरवा दिया है।

जापानी अखबार असाही शिम्बुन के मुताबिक पर्क इन-यंग तब से उत्तर कोरिया के न्‍यूक्लियर बेस के संचालन का काम इसकी स्थापना के समय से देख रहे थे। बताया जा रहा है कि मिसाइल परीक्षण में देरी और न्यूक्लियर बेस की सुरंग की मरम्मत समय से नहीं होने से तानाशाह किम जोंग-उन बेहद नाराज था।

विदित हो कि तीन सितंबर के मिसाइल परीक्षण से पहले हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद न्यूक्लियर बेस की सुरंग ढह गई थी, जिसके चलते कम से कम 200 कामगारों की मौत हो गई थी और तब से इस सुरंग की मरम्मत नहीं हो पाई थी, जिसके चलते मिसाइल परीक्षण में देरी हुई। नतीजा है कि तानाशाह ने इन दोनों अधिकारियों को सजा-ए-मौत दे दी।

उल्लेखनीय है कि पिछले पांच साल में सत्ता के लिए किम 340 लोगों को मरवा चुका है जिनमें ज्यादातर सीनियर अधिकारी शामिल हैं।