रूद्रपुर। जनपद उधमसिंह नगर को देश के सबसे ज्यादा पिछडे जिलों में 115 एस्पिरेशनल (आकांक्षात्मक) जिलो में चुना गया है। प्रदेश में जनपद उधमसिंह नगर व हरिद्वार को इस श्रेणी में रखा गया है क्योकि जनपद स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा है।
आर्थिक सलाहकार (वित्त) भारत सरकार सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के डीपीएस नेगी द्वारा जनपद में किए जा रहे कार्यो की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा भारत के 115 जिलों को आकांक्षात्मक जिलो में चुना गया है। इस कार्य की माॅनिटरिंग प्रधानमंत्री द्वारा स्वयं की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद जिन क्षेत्रों में पिछड़ा है उसमे कैसे सुधार लाया जा सकता है, इस पर जनपद स्तर से ठोस रणनीती बनाई जाए। जहां पर समस्याए आयेंगी, समस्याओ के समाधान के लिए उन्हें भारत सरकार तक पहुंचाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि जिले के विकास के लिए हम छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा दे सकते है। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ना भारत सरकार का प्रथम लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत जनपद को जो भी लक्ष्य मिलेंगे, उन्हें समय से पूर्ण कराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों द्वारा आज जो समस्याएं बतायी गई है, उन्हें भी दूर करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। जिले में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक कैंपो का आयोजन किया जाए। इस अवसर पर जिलाधिकारी डा.नीरज खैरवाल ने बताया जनपद शिक्षा व स्वास्थ के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। जनपद को शिक्षा व स्वास्थ के क्षेत्र में आगे ले जाने हेतु विशेष रणनीती तैयार की गई है। जिले में प्रत्येक परिवार का डाटाबेस तैयार करने हेतु एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ती तीनो साथ मिलकर प्रत्येक परिवार का सर्वे कर रही है। इसके लिए एक फार्मेट तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग द्वारा विकास मापन हेतु निर्धारित चिकित्सा एवं न्यूट्रिशियन, शिक्षा, कृषि एवं जल श्रोत, वित्तीय समावेश, कौशल विकास एवं बुनियादी स्ट्रक्चर एवं सभी 81 बिन्दुओ पर गहनता से कार्य करने के लिए ठोस रणनीती तैयार की गई है। जिलाधिकारी ने बताया मेरा गांव मेरा गौरव के अन्तर्गत गांव के चहुमंखी विकास हेतु हर न्याय पंचायत स्तर पर 05 विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। जिसमे कृषि, पशुपालन, उद्यान विभागों को साथ पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको को भी चयनित किया गया है ताकि किसानों को जागरूक कर उन्हें इंटीग्रेटेड फार्मिंग की ओर जागरूक किया जा सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, एमसी काण्डपाल सहायक निदेशक भारत सरकार, खादी ग्रामोद्योग के एमएस राणा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. शैलजा भट्, पीडी हिमांशु जोशी, मुख्य कृषि अधिकारी डा. अभय सक्सेना, डीडीओ अजय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी डा. रामेश्वर सिंह सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।