हर माह अल्ट्रासाउंड केंद्रों का करें औचक निरीक्षण: डीएम

0
674

जिलाधिकारी ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का नियिमत रूप से निरीक्षण किया जाए और मानकों में कोई कमी पाई जाए, तो उन्हें नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाए।
शुक्रवार को जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं गर्भाधान प्रसव एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनिमय एवं दुरुपयोग निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत जिला समुचित प्राधिकारी की सहायता एवं परामर्श के लिए जिला सलाहकार समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालक नियमों का पालन नहीं करते तो उनको तीन बार नोटिस जारी किया जाए। इसके बावजूद भी वो अपने कमियों में सुधार नहीं करते तो ऐसे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जुलाई माह की अपेक्षा अगस्त माह में केन्द्रों के कम निरीक्षण पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के माध्यम से नियमित निरीक्षण कराया जाए तथा जिला मुख्यालय पर समिति एवं चिकित्सा की टीम द्वारा औचक निरीक्षण कराया जाए एवं जिन अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों में कोई कमी पाई जाती है तो उनके विरुद्ध तत्काल समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जनपद में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियिमत रूप निरीक्षण किया जाए।
जिलाधिकारी ने जिले में पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों एवं निरस्त किए गए केन्द्रों के पंजीकरण के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही , जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ टी.सी पंत ने बताया कि जनपद में अब तक कुल पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र 233 हैं तथा अब तक 119 केन्द्रों के पंजीकरण निरस्त किए गए हैं। वर्तमान में कार्य कर रहे अल्ट्रासाउण्ड 114 हैं, जिसमें विकासनगर में 16, ऋषिकेश में 13, डोईवाला में चार, मसूरी में दो एवं देहरादून शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 79 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालित हो रहे हैं।
जिला अधिकारी ने कहा कि माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 73 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 26 केन्द्रों के पंजीकरण और नवीनीकरण की कार्रवाई की गई है। निरीक्षण के दौरान 15 मशीनें सील की गई हैं तथा सात केन्द्रों का पंजीकरण निरस्त किया गया है, चार केन्द्र निलंबित किए गए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि महिला के गर्भवती होने से प्रसव तक तथा लिंगानुपात को सही मानक में बनाए रखने के लिए माता तथा बच्चों के सही आंकड़े के लिए टैपिंग सिस्टम को अपनाने तथा अपने स्तर पर, गैर सरकारी संगठनों, बाल एवं महिला स्वास्थ्य से जुड़े हुए विभागों/ऐजेंसियों के आंकड़ो का तुलनात्मक अध्य्यन करते हुए वर्षवार तथा माह वार स्पष्ट डेटा प्राप्त करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जनजागरुकता के लिए शिविर, कार्यशाला में प्रचार सामग्री वितरित करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर जागरुकता पोस्टर चस्पा करने के निर्देश दिए।
बैठक में संयुक्त निदेशक कानून डाॅ जे.एस बिष्ट, जिला पंचायतराज अधिकारी एम जफर खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एस.के सिंह, पैथोलाॅजिस्ट डाॅ एन.के मिश्रा, वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डाॅ एनएस खत्री, जिला समन्वय पीसीपीएनडीटी ममता बहुगुणा सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।