बेरोजगारों ने सरकार पर लगाया रोजगार के मुद्दे की अनदेखी का आरोप

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देहरादून। बीते दिनों सचिवालय कूच के दौरान पुलिस द्वारा बेरोजगारों पर किए गए लाठीचार्ज में घायल हुए छात्र नेता सचिन थपलियाल ने प्रशासन पर दबाव बनाकर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रशासन की इस हरकत को युवाओं की आवाज दबाने का प्रयास बताते हुए सरकार पर रोजगार के मुद्दों की अनदेखी का भी आरोप लगाया।
सोमवार को सचिवालय कूच के दौरान पुलिस द्वारा बेरोजगारों पर किए गए लाठीचार्ज के मामले पर रोष व्यक्त करते हुए बेरोजगारों ने सरकार पर रोजगार के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया है। युवाओं ने कहा कि सरकार बेरोजगारों की अनदेखी करने का कार्य कर रही है। लाठीचार्ज में घायल हुए युवा छात्र सचिन थपलियाल ने कहा कि युवा छात्र बेरोजगारों के हक की लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि बीती दिनों प्रशासन द्वारा उनपर लाठियां भांजी गईं, जिसके चलते वे अभी तक दून अस्पताल में एडमिट हैं। अब प्रशासन व डॉक्टरों द्वारा दबाव बना कर डिस्चार्ज करने की कोशिश की जा रही है।
मुद्दे को दबाने का लगाया आरोप
मेडिकल शिक्षा की फीस बढ़ोतरी मामले में सरकार के निर्णय वापस लेने के कदम पर सचिन ने कहा कि सरकार मेडिकल के छात्रों की फीस कम करके बेरोजगारी के मुद्दे को खत्म करने की नाकाम कोशिश कर रही है। इस मामले में बीजीपी सरकार अपने ही संगठन से मेडिकल के छात्रों का समर्थन कर बेरोजगारी के मुद्दे को दबा देना चाहती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एबीवीपी मेडिकल के छात्रों का समर्थन कर रही है, उसी तरह से बेरोजगारों का भी कर सकती है। एबीवीपी का इस मामले में दोहरा रवैया साफ जाहिर करता है कि प्रदेश सरकार योजनाबद्ध तरीके से मेडिकल के छात्रों की फीस कम कर बेरोजगारी के मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी सही मांगों को नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा। मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।