देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को यूनिवर्सिटी आॅफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल मौर्य ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों को ‘रिजल्ट ओरिएंटेड’ होना जरूरी है। ‘रिजल्ट ओरिएंटेड’ होने का अर्थ परीक्षाओं का रिजल्ट देना नहीं है। इसका अर्थ यह है कि विश्वविद्यालयों से पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थी अपने जीवन में समग्र रूप से प्रसन्न और सफल हों। वे अपने ज्ञान से समाज को समृद्ध और खुशहाल बनाएं। राज्यपाल ने देश की ऊर्जा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के संतुलित उपयोग के साथ ही नवीनीकृत होने वाले नये स्रोतों पर ध्यान देना जरूरी है। बायो फ्यूल, सौर ऊर्जा तथा गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना एक बेहतर विकल्प है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा का समाज को लाभ पहुंचना चाहिए तभी उसका अर्थ है। उपाधिप्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए राज्यपाल ने कहा कि वो अपनी डिग्री के साथ अपने लक्ष्यों को पूरा करने का जज्बा, जुनून, जिद और कठिनाइयों से लड़ने का संकल्प लेकर बाहर जाएं। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को अपने माता-पिता का सदैव कृतज्ञ रहने की सीख भी दी।
विश्वविद्यालय में उद्योगों की आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रम चलाने की जरूरत बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि बदलाव के इस दौर में हमारे युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलें यह भी आवश्यक है। उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार विद्यार्थियों का कौशल विकास और प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में चांसलर डाॅ. एसजे चोपड़ा, वाइस चांसलर डाॅ. दीपेन्द्र कुमार झा, शरद मेहरा अध्यक्ष हाइड्रोकार्बन एजूकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी, रजिस्ट्रार डाॅ. बीना दत्ता सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।