मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता भ्रष्टाचार को खत्म करना है। यदि भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर लिया जाए तो राज्य अपने आप प्रगति करने लगेगा। भ्रष्टाचार को रोकने में अपना पराया नहीं देखा जा सकता है। लोकायुक्त का गठन करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। मुख्यमंत्री का पद भी लोकायुक्त के दायरे में आएगा। मुख्यमंत्री श्री रावत, रविवार को सर्वे आॅफ इंडिया में पीबीआरओ पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश के लिए कुछ करने की भावना, प्रदेशवासियों के रक्त में है। यहां राष्ट्रविरोधियों को कभी संरक्षण नहीं मिला है। देश है तो हम हैं, देश नही तो हम कुछ भी नहीं। इस भावना को सदैव बनाए रखना है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पलायन को सामरिक दृष्टि से चिंताजनक बताते हुए कहा कि पलायन मजबूरी में नहीं होना चाहिए। पलायन को रोकने के लिए केबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति बना दी गई है। युवाओं को रोजगार के साथ ही सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध करानी है। रोजगार सृजन व कौशल विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनता का जितना बड़ा समर्थन मिला है, उतनी ही बड़ी जन अपेक्षाएं हैं। राज्य सरकार इन जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेगी। हम पारदर्शिता लाने व कार्यप्रणाली को सुधारने पर काम कर रहे हैं। अभी फाईलों को सात स्तरों से गुजरना होता है। हमारी कोशिश है कि फाईलें 3 स्तरों से अधिक न जाएं। प्रशासनिक सुधार के लिए काम प्रारम्भ कर दिया गया है।
एसोसिएशन की मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उपनल का गठन पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के लिए किया गया था। इसे पूर्व स्वरूप में लाया जाएगा। पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए छात्रवृित के लिए अर्हता अंकों को पूर्व की भांति 50 प्रतिशत किए जाने व निर्मित भवन सैनिक की पत्नी के नाम होने पर भी हाउस टैक्स में छूट प्रदान किए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक परीक्षण कराए जाने के प्रति आश्वस्त किया।
कैंटीन से मिलने वाली शराब पर शुल्क को कम करने की मांग पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं से पूछा कि क्या किया जाना चाहिए। शराब कम करने की बात कहे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारी नीति शराब को हतोत्साहित किए जाने की है। हम राजस्व के लिए शराब नहीं बेचना चाहते। शराब को हतोत्साहित करने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। हम अपने आय के संसाधन विकसित करेंगे और धीरे-धीरे शराब से प्राप्त राजस्व पर निर्भरता कम करेंगे।