जिला योजना की धनराशि खर्च करने को 20 मार्च तक का दिया समय

0
596

गोपेश्वर,  जिला योजना की समीक्षा बैठक लेते हुए जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि, “सभी विभाग विकास कार्यों में तेजी लाते हुए 20 मार्च तक अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करें।”

जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि जिला योजना के तहत पूर्व में प्रस्तावित विकास कार्यो पर खर्च न करने पर संबंधित विभागीय अधिकारी की घोर लापरवाही मानते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। जिला योजना के कार्यो में लोक निर्माण विभाग, राजकीय सिंचाई, जल संस्थान एवं वन विभाग ने फरवरी तक केवल 55 प्रतिशत ही व्यय किये जाने पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

लोनिवि की जिला योजना में सबसे खराब स्थित को देखते हुए तथा लोनिवि के अधीक्षण अभियंता के जिला योजना की समीक्षा में उपस्थित न रहने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने सभी अधिकारियों को विकास कार्यो को धरातल पर शीघ्र पूरा करते हुए उनकी यूसी, एमबी व फोटो भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि इस जिला योजना में जिन विभागों की खराब प्रगति रही है, अगली जिला योजना में उन सभी विभागों का परिव्यय भी कम किया जाएगा।

डीएम ने पर्यटन विभाग को बेनीताल, टिमरसैंण, अनसूया मंदिर, पंचबद्री धामों के विकास के लिए अच्छे प्रस्ताव तैयार करने को कहा। शिक्षा विभाग को गुणवत्तापरक शिक्षा, स्कूलों के सौन्दर्यीकरण, विद्युत कनेक्टिविटी आदि इनोवेटिव प्रस्ताव जिला योजना में अनुमोदन हेतु रखने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, डीएफओ अमित कंवर, पीडी प्रकाश रावत, डीडीओ एसके राॅय आदि मौजूद थे।

किसको कितनी मिली थी धनराशि
अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जिला योजना के अंतर्गत अनुमोदित 4085 लाख धनराशि के सापेक्ष 4084 लाख की धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से 63.56 प्रतिशत धनराशि विभागों ने व्यय की है। जिला योजना के अंतर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 822.88 लाख के सापेक्ष 385.05 लाख, पेयजल निगम ने 340.86 के सापेक्ष 217.31 लाख, पेयजल संस्थान ने 293.68 के सापेक्ष 150.49, वन विभाग ने 101.11 के सापेक्ष 56.35 लाख, लघु सिचाई ने 117.91 के सापेक्ष 74.56 लाख, राजकीय सिंचाई ने 371.52 के सापेक्ष 177.75 लाख धनराशि अभी तक व्यय की है, जबकि होम्योपैथिक, प्राविधिक शिक्षा तथा पर्यटन विभागों ने जिला योजना के तहत शतप्रतिशत व्यय किया गया है।