उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 10 वीं बोर्ड परीक्षा को निरस्त और 12 वीं बोर्ड परीक्षा को स्थागित करने का निर्णय किया गया है। बोर्ड परीक्षा में दो लाख सत्तर हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा में बैठने वाले थे।
शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना बचाव के बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए परीक्षार्थियों की सुरक्षा और बचाव के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की कक्षा 10 वीं बोर्ड परीक्षा को निरस्त तथा कक्षा 12 वीं की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।
मंत्री ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया है कि आगे भी विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं उज्ज्वल भविष्य के दृष्टिगत ही निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने सभी से कोरोना संक्रमण बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत शनिवार को कोरोना को लेकर प्रदेश के चार मैदानी जनपदों में कॉलेजों को बंद करने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक इस संबंध में मुख्य सचिव को प्रस्ताव भेजा गया था। शिक्षा मंत्री और फिर मुख्यमंत्री के स्तर से इस पर अंतिम निर्णय किया गया। शिक्षा सचिव का कहना है कि सीबीएसई की तर्ज पर इन परीक्षाओं को निरस्त एवं स्थगित करने की सिफारिश की गई थी। इसमें 10वीं के बच्चों को पिछले परर्फोरमेंस के आधार पर पास माना जाएगा, जबकि 12 वीं के छात्रों की परीक्षा के लिए स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद परीक्षा तिथि तय की जाएगी।
उत्तराखंड बोर्ड में इस बार दसवीं और बारहवीं वीं की परीक्षा में कुल दो लाख 70 हजार से अधिक परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 10 वीं में 14,8355 एवं 12 वीं में 12,2184 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।