देहरादून, उत्तराखंड शासन ने सामान्य और ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ‘नो वर्क, नो पे’ का आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि राज्य के अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षकों के कार्य बहिष्कार से आमलोगों का कामकाज प्रभावित होता है। ऐसा करना आचरण नियमावली के विपरीत है। सरकार ऐसे किसी कदम को सहन नहीं करेगी। कर्मचारियों का ऐसा करना राज्य हित में नही है। जो भी कर्मचारी हड़ताल और कार्य बहिष्कार के लिए छुटृी लेगा उसे स्वत: अनुपस्थित माना जाएगा।
शासनादेश में कहा गया है कि सामान्य और ओबीसी वर्ग के कर्मचारी बिना अवकाश के कार्य बहिष्कार, आंदोलन और प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।
इस आदेश के कड़ाई से पालन के लिए प्रदेश के सभी अपर, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष, कार्यालाध्यक्ष, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, प्रबंध निदेशक, समस्त निगम, समस्त वरिष्ठ कोषाधिकारी और कोषाधिकारी सहित प्रमुख विभागों को यह पत्र प्रेषित किया गया है। साथ ही कहा गया कि इस आदेश का पालन करते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन रोका जाए। शासनादेश का सख्ती के साथ पालन सुनिश्चित किया जाए।
उधर, उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने सरकार की इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार की मनमानी नहीं चलेगी, आंदोलन नहीं रुकेगा, यह अधिकार की लड़ाई है।