उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रौपदी का डांडा-टू पर्वत चोटी के पास हुए हिमस्खलन से रेस्क्यू किये गए 8 प्रशिक्षुओं को लाया गया है जबकि अभी तक 4 लोगों के शव भी बरामद कर बेस कैम्प लाया गया है। इसकी पुष्टि जिलाधिकारी ने की है।
इनके अलावा दस प्रशिक्षकों की मौत और 11 लोगों का लापता होना बताया जा रहा है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। खराब मौसम के चलते रेस्क्यू कार्य नहीं हो पा रहा है। इससे हिमस्खलन की चपेट में आए प्रशिक्षुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस एवलांच में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 पर्वतारोही फंस गए थे।
घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतारोहियों को सकुशल निकालने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायु सेना की मदद मांगी। इसके बाद वायु सेना के जवान अपने हेलीकाप्टर की मदद से पर्वतारोहियों और प्रशिक्षुओं को रेस्क्यू करने में जुट गए। इससे पहले एसडीआरएफ पांच टीमों के सदस्यों ने हेलीकॉप्टर से 1.15 बजे सहस्त्रधारा से उड़ान भरी थी। वही टीम एनआईएम बेस कैंप में पहुंची।
इस संयुक्त रेस्क्यू आपरेशन के बाद से 8 प्रशिक्षुओं को सकुशल बचाने के साथ 4 लोगों के शव भी बरामद कर बेस कैम्प लाया गया है। अब तक हिमस्खलन से दस लोगों की मौत होने और 11 लोगों का लापता हाेना बताया जा रहा है। खराब मौसम के चलते अब रेस्क्यू कार्य करना बहुत मुश्किल हो रहा है। इसके कारण हिमस्खलन की चपेट में आए प्रशिक्षुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेना के हेलीकॉप्टर घटनास्थल की रेकी है। इसके अलावा कुछ और लोगों का जीवन संकट में होना बताया है।
इधर जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला स्वयं घटना पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। जिलाधिकारी एनआईएम बेस कैम्प में पहुंच कर कंट्रोल रूम स्थापित करवा दिया है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू कार्य जारी है अभी तक चार बॉडी रिकवर कर ली गई हैं।
उल्लेखनीय है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 22 सितंबर 2022 से 08 अक्टूबर 2022 तक , बेसिक/ एडवांस कोर्स (जिसमें बेसिक कोर्स में 97 प्रशिक्षणार्थी 24 प्रशिक्षक, 01 अधिकारी सहित कुल 122 एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी, 09 प्रशिक्षक कुल 53 लोग हैं ) संचालित है। इसमें एडवांस कोर्स के लिए वर्तमान में माउनटेन ट्रेनिंग के लिए निकले थे।