बागेश्वर में बारिश से सरयू और गोमती उफान पर, जनजीवन प्रभावित

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बारिश

(बागेश्वर)  जिले में मानसूनी बारिश का दौर जारी है। रविवार की रात से सोमवार सुबह तक पूरे जिले में झमाझम बारिश हुई। कपकोट में मूसलाधार बारिश से क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो गया है। जिले की एक दर्जन से अधिक सड़कों पर यातयात ठप है। बारिश से लोगों के मकान के आंगन व दीवारें गिर गई। खेतों में मलबा भरने से फसल को भी नुकसान हुआ है। कई इलाकों में बिजली गुल होने से लोगों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ रही है। बागेश्वर और गरुड़ तहसील में भी सोमवार की सुबह तक बारिश हुई। बारिश के कारण सरयू और गोमती नदियां उफान पर हैं। नदियों में सिल्ट आने से कुछ स्थानों पर पेयजल संकट भी पैदा हो गया। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

  • एक दर्जन से अधिक सड़कों पर यातायात ठप

रविवार की रात से जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसीलों में बारिश होने लगी थी। कपकोट क्षेत्र में लगातार मानसूनी बारिश होने से जनजीवन पर असर पड़ा है। सोमवार की सुबह तक यहां मूसलाधार बारिश हुई। भारी बारिश से मल्लाफेर हरीश राम के मकान का आंगन टूट गया, जिससे घर को खतरा पैदा हो गया है। हरसिंग्याबगड़ में हनुमान मंदिर के पास भूस्खलन से मंदिर को खतरा पैदा हो गया है। बागेश्वर-पिंडारी रोड पर दणों के पास गधेरा आने से कपकोट से बागेश्वर की  पर सुबह पांच से आठ बजे तक यातायात बाधित रहा। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने गधेरे के पास पुलिस की तैनाती कर दी और दोपहर 12 बजे तक दुपहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। इसी रोड पर गोलना के पास भी मलबा आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

 बारिशबागेश्वर-कांडा रोड पर कांडा धार के पास मुख्य रोड पर विशालकाय पेड़ गिर गया। इससे रोड पर दोनों तरफ से गाड़ियों की कतार लग गई। बागेश्वर-दोफाड़-धरमघर रोड पर किमी किमी 11 और 62 पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया। इसके अलावा कपकोट-पिंडारी मोटर मार्ग, कोटमन्या-महरूढ़ी, शामा-नौकोड़ी और धैना मोटर मार्ग भी बारिश के चलते बंद है। इधर कई दिनों से बंद कपकोट-शामा-तेजम, शामा-लीती-गोगिना, कमेड़ीदेवी-भैसुड़ी, हरसीला-पुड़कूनी, नामतीचेटाबगड़, खड़लेख-भनार, रिखाड़ी-वाछम, धरमघर-माजखेत, तोली और बघर मोटर मार्ग को भी अब तक खोला नहीं जा सका है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लगातार होती बारिश और बंद सड़कों ने बिचला दानपुर के क्षेत्र में दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। लोग जरूरी काम के लिए बाजार या तहसील मुख्यालय आने के लिए मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं। इधर बागेश्वर और गरुड़ तहसील में भी रात से सोमवार की सुबह तक भारी बारिश हुई। गरुड़ के बैजनाथ झील में लगातार जलस्तर बढ़ने के बाद समय-समय पर पानी छोड़ा गया। इससे गोमती नदी का जलस्तर भी एक मीटर तक बढ़ गया। बारिश के चलते जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में लोगों को बिजली और पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय में लगातार बिजली की आंखमिचौली से लोगों को दिक्कत हो रही है। कपकोट के पालीडुंगरा में लाइट गुल होने से 40 परिवार अंधेरे में रात गुजार रहे हैं। बिचला दानपुर के आधा दर्जन गांवों में पिछले 10 दिनों से बिजली नहीं होने से करीब पांच हजार की आबादी को दिक्कत हो रही है। इधर सरयू, गोमती के अलावा अन्य छोटी नदियों में सिल्ट आने से कई पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। लोगों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बारिश और नदियों का जलस्तरः
कपकोट तहसील में सर्वाधिक 75 मिमी बारिश रिकाॅर्ड की गई। गरुड़ तहसील में 37.50 और बागेश्वर में 27.50 मिमी बारिश हुई। सरयू नदी का जलस्तर बढ़कर 867.50 मीटर पहुंच गया है जबकि गोमती नदी 863 मीटर पर बह रही है। फिलहाल नदियां खतरे के निशान 870.70 मीटर से नीचे बह रही है।
आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल का कहना है कि जिले में मानसून को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। बारिश से बंद सड़कों को खोलने का काम तेजी से चल रहा है। बिजली और पानी की की किल्लत को भी दूर करने का प्रयास जारी है।