भाजपा विधायक पूरण सिंह फ़र्त्वाल ने प्रदेश अध्यक्ष बंशी धर भगत के समक्ष अपना पक्ष रखा

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भाजपा विधायक पूरण सिंह फ़र्त्वाल ने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने अपने बयान को लेकर अपना पक्ष रखा। विधायक का पक्ष सुनने के बाद भगत ने कहा कि विधायक द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरण और काग़ज़ातों का अध्ययन करने के बाद आगे की कार्यवाही का निर्णय लिया  जाएगा।
दरअसल, भाजपा विधायक पूरण सिंह फ़र्त्वाल को एक मामले में दिए गए उनके बयान को लेकर अपना पक्ष रखने के लिये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बुलाया था। विधायक ने आज पार्टी प्रदेश कार्यालय में भगत से भेंट की और अपना पक्ष उनके सामने रखा। विधायक फ़र्त्वाल का कहना था कि उन्होंने सरकार अथवा मुख्यमंत्री को लेकर कोई आलोचनात्मक बात नहीं की लेकिन जिस मामले को लेकर उन्होंने आपत्ति उठायी थी, उसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है और अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। विधायक ने प्रकरण का पूरा विवरण भगत को बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें कई अधिकारी निलंबित भी हो चुके हैं लेकिन इसका काम पुनः उसी पक्ष को  दे दिया गया, जिसे लेकर शिकायतें हुईं। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा  इस मामले में सच्चाई सामने रखने की रही है और वे अधिकारियों के भ्रष्टाचार का ख़ुलासा करना चाहते हैं।बंशीधर भगत ने बताया कि फ़र्त्वाल ने उन्हें इस मामले का विवरण देने साथ साथ दस्तावेज़ भी उपलब्ध कराए, जिनका अवलोकन व अध्ययन करने के बाद इस संबंध में आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन ने बताया कि हाल के दिनों में अलग-अलग कारणों को लेकर जिन चार विधायकों को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था, उन सभी ने अपनी बात अध्यक्ष के सामने रख दी है। विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन द्वारा माफ़ी मांगने व उनकी भाजपा में वापसी के साथ यह मामला अब समाप्त हो गया है। विधायक देश राज कर्णवाल द्वारा माफ़ी मांगने के बाद उन्हें क्षमा दिए जाने के साथ इस मामले का भी पटाक्षेप हो चुका है। विधायक महेश नेगी व पूरण सिंह फ़र्त्वाल से जुड़े मामलों में उनके भी पक्ष आ चुके हैं। उन्होने कहा कि हमारी पार्टी परिवार की तरह है लेकिन अनुशासन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में शामिल है। आंतरिक लोकतंत्र के चलते सबकी बात पूरी तरह सुनने के बाद पार्टी गुण दोष के आधार पर निर्णय लेती है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का चार विधायकों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाना इसी प्रक्रिया का अंग है।