देहरादून, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब राज्य के बच्चों को एम्स ऋषिकेश में भी निशुल्क उपचार मिलेगा। इस उपचार का खर्च राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा किया जाएगा। इसे लेकर एम्स निदेशक डॉ. रविकांत व एनएचएम निदेशक डॉ. अंजली नौटियाल के बीच अनुबंध हस्ताक्षरित हुआ।
एनएचएम निदेशक ने बताया कि, “अनुबंध पत्र के अनुसार बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित मुख्य 30 व्याधियों के साथ ही हृदय व जन्मजात विकृतियों जैसे जीभ का तालू से जुड़ा होना, तंत्रिका नली दोष, कान व आंखों की सर्जरी आदि का उपचार एम्स ऋषिकेश में निश्शुल्क किया जाएगा। उपचार के लिए बच्चों के अभिभावकों को किसी प्रकार का कोई व्यय नहीं उठाना होगा। “बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण जन कल्याणकारी योजना है। जिसके अंतर्गत सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढऩे वाले और आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चे जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच है, उनकी प्राथमिक जांच एवं स्क्रीनिंग के बाद निश्शुल्क उपचार दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
इस कार्यक्रम के तहत बच्चों मेें जन्म पर दोष, न्यूनता, बचपन की बीमारियां, विकास में देरी और विकलांगता के अंतर्गत आने वाली सभी प्रकार की व्ययाधियों का उपचार होता है। योजना के तहत स्कूलों व आंगनबाडिय़ों में मोबाइल स्वास्थ्य दलों के माध्यम से चिन्हित बच्चों को सूचीबद्ध अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार मिलता है। अभी तक इस कार्यक्रम में महन्त इन्दिरेश चिकित्सालय, जौलीग्रांट मेडिकल कॉलेज, फोर्टिस चिकित्सालय में यह सुविधा उपलब्ध है। इस अनुबंध के बाद अब यह सुविधा एम्स, ऋषिकेश में भी उपलब्ध होगी।
इस वर्ष 506 बच्चों की सर्जरी
निदेशक एनएचएम डॉ. नौटियाल ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तीन मेडिकल कॉलेज व फोर्टिस अस्पताल में इस वर्ष 506 बच्चों की सर्जरी की गई है। जिसमें 57 बच्चे हृदय रोग से ग्रसित थे। इसके अलावा 24 बच्चों की तंत्रिका नली दोष से संबंधित सर्जरी की गई है। पिछले वर्ष इस योजना के तहत करीब एक हजार बच्चों की सर्जरी की गई थी।