उत्तराखंड में हर तरफ युवा कला और प्रतिभा हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहे हैं। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में गरुड़ क्षेत्र के रहने वाले प्रदीप राणा ने साइकिल से 116 दिनों में 15261 किलोमीटर का सफर तय कर नया कीर्तिमान रचा है। एक साधारण किसान के बेटे प्रदीप ऐसा कारनामा करने वाले पहले इंसान बन गये हैं।
वो कहते हैं ना जहां चाह वहां राह, कुछ ऐसा ही कर दिखाया ग्राफिक एरा हिल यूनिर्वसिटी के प्रदीप राणा ने।आपको बतादें कि प्रदीप ने अपनी मुहिम की शुरुआत अपने यूनिर्वसिटी कैंपस से करी। लगभग 116 दिन पहले उन्होंने अपने कैंपस से साइकिल चलाना शुरु किया और आज वह बहुत से राज्यों को पार कर चुके हैं। साइकिल यात्रा के दौरान बहुत से नए अनुभव और यादें सजोतें हुए प्रदीप को पता भी नहीं चला कि कब उन्होंने इतना लंबा सफर तय कर लिया। प्रदीप साइकिल यात्रा के दौरान उ.प्र.,बिहार,नागालैंड,सिक्किम,कर्टक,पश्चिम बंगाल,गोवा,राजस्थान,पंजाब,महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश,केरल,असम और हरियाणा जैसे काफी राज्यों का सफर कर चुके हैं। प्रदीप का कहना कि “यह लाज़मी है कि अगर आप साइकिल से सफर कर रहे तो बहुत से लोगों से सामना होता है। कभी जानवर तो कभी इंसान लेकिन यह सभी आपके जीवन में एक अनुभव की तरह होते हैं।”
जिस तरह बूंद बूंद से तालाब भरता है ठीक उसी तरह प्रदीप ने हर दिन इसके लिए मेहनत की है। यह रिकार्ड बनाना आसान नहीं था लेकिन एक निरंतर मेहनत से यह बड़ा काम भी मुमकिन हो गया।मन में लगन और मेहनत से प्रदीप हर रोज 130-150 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं।हालांकि उन्होंने अपने सफर की शुरुआत मॅनसून में कि थी और ऐसे बहुत से दिन हुए जब उन्हें सफर के दौरान भारी बारिश का सामना करना पड़ा, लेकिन प्रदीप इसमें भी साइकिल चलाते रहें और आगे बढ़ते रहे। पहाड़ी क्षेत्रों में उबड़-खाबड़ रास्तों में साइकिल के टायर पंचर होते तो प्रदीप उसे ठीक कर लेते और फिर आगे बढ़ जाते और किसी भी बात को अपने सफर का रुकावट नहीं बनने देते। उन्होंने बताया कि प्रसाद इरांडे का 141 दिन में 14576 किलोमीटर साइकिल चलाने का विश्व रिकॉर्ड तोड़कर संतोष होली ने साल 2015 में 111 दिन में 15222 किलोमीटर साइकिल चलाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। गिन्नीज बुक के संतोष होली के इस रिकॉर्ड को प्रदीप राणा ने तोड़ दिया है।
प्रदीप इतने से हार नहीं मानने वाले हैं और 20 हजार किलोमीटर साइकिल चलाने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। प्रदीप राणा अक्टूबर के पहले सप्ताह देहरादून पहुंचेंगे। गौरतलब हैं कि ग्राफिक एरा के शिक्षक और छात्रों का यह पांचवा कीर्तिमान है।