हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए

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हेमकुंड साहिब
हेमकुंड साहिब-लोकपाल के कपाट शीतकाल के लिए आज बंद हो गए। इस वर्ष की अंतिम अरदास मे करीब साढ़े तेरह सौ श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही। बोले सो निहाल के जयकारों के बीच दोपहर ठीक डेढ़ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए। इसी के साथ लक्ष्मण मंदिर लोकपाल तीर्थ के कपाट भी विधिविधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए गए।
– हिंदुओं के पवित्र तीर्थ लक्ष्मण मंदिर-लोकपाल के कपाट भी शीतकाल के लिए किए गए बंद
सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार को पूरे विधविधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। सुबह नौ बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शबद कीर्तन, मुख वाक के बाद दोपहर साढ़े बारह बजे हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह द्वारा इस वर्ष की अंतिम अरदास की गई। अरदास के बाद विश्व को कोरोना जैसी महामारी से जल्द मुक्ति के लिए भी प्रार्थना की गई। इस मौके पर हेमकुंड साहिब में करीब साढ़े तेरह सौ श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही। दोपहर करीब डेढ़ बजे पंच प्यारों की अगुवाई मे पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब को दरबार हाल से सतखंड मे सुशोभित किया गया और जयकारों के बीच कपाट बंद किए गए।
हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के मौके पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के जनरल सेक्रेट्री सरदार रविन्दर सिंह तथा पटियाला, अमृतसर, पुणें, नागपुर, कानपुर  व उत्तराखंड के बाजपुर की संगत पहुंची थी।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार इस वर्ष कोरोना के कारण बीती 4 सितम्बर को हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए थे। और इन 36 दिनों मे करीब साढ़े आठ हजार श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब पंहुचकर पवित्र सरोवर मे स्नान किया व गुरुद्वारे में माथा टेका। उन्होंने बताया कि कोरोना की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया गया। इसमे श्रद्धालुओं ने भी भरपूर सहयोग दिया। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी द्वारा प्रतिदिन गुरुद्वारों व सराय को सेनिटाइज किया गया और श्रद्धालुओ काे सेनिटाइज व मास्क देकर ही गुरुद्वारों मे प्रवेश कराया गया।
सेवा सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते कम अवधि के लिए ही हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जा सके लेकिन इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन व स्थानीय जनमानस का यात्रा संचालन मे पूर्ण सहयोग मिला। उन्होने ट्रस्ट की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बहुत ही कम स्टाफ होने के वावजूद ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नही हुई।
इधर, हिंदुओं के पवित्र तीर्थ लक्ष्मण मंदिर-लोकपाल के कपाट भी शनिवार को पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर भ्यूंडार-पुलना व आस-पास के ग्रामीण मौजूद रहे।