उत्तराखंडः ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ से होगी पलायन से जंग

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ की शुरुआत करते हए कहा कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें। जन प्रतिनिधियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो, इसके लिए जिलाधिकारी, बैंकर्स से समन्वय करें।
युवाओं के लिए स्वरोजगार का अवसर, रिवर्स पलायन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोरोना के कारण उत्तराखंड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पी और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।  राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
  • निर्माण में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर मिलेगा ऋण
  • मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में होगी समायोजित
  • राज्य के उद्यमशील एवं प्रवासी उत्तराखंडवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य
मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा। एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपये और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपये होगी। एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी बी में 20 प्रतिशत तथा सी व डी श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगा। उद्यम के 2 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 5 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रता की शर्तें एवं अहर्ता
इस योजना के अन्तर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट वायबिलिटी को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा।
आवेदन की प्रक्रिया एवं योजना का क्रियान्वयन
आवेदक इसके लिए महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में ऑनलाइन एवं मैनुअल आवेदन कर सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड नोडल विभाग होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया जाएगा।