हैदराबाद की तरह लगे उत्तराखंड पुलिस जिंदाबाद के नारे

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राजधानी देहरादून में बीती 2 दिसंबर को पुलिस के अनुसार संदिग्ध परिस्थितियों में युवक ने सहसपुर थाने में ही आत्महत्या कर दी थी, जिसके बाद पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। हालांकि एसएसपी द्वारा मामले को तूल पकड़ता देख तत्काल मामले की जांच के लिए आदेश दिए गए, और कई पुलिस वालों को ससपेंड कर दिया था।

आपको बता दें कि सहसपुर में एक युवक पर एक युवती के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमैल करने का आरोप था, जिसके बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया था, लेकिन थाने में ही युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। पीड़िता ने मीडिया से रूबरू होते हुए अपनी बात रखी और पुलिस के सस्पेंड और लाइन हाज़िर हुए कर्मियों की बहाली की मांग की।

सहसपुर मामले की पीड़िता ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा और कहा कि अगर पुलिस उस मौके पर उसकी मदद के लिए आगे नही आती तो आज शायद हैदराबाद और उन्नाव वाला कांड उसके साथ भी दोहराया जा सकता था। उन्होंने पुलिस पर हुई कार्रवाई को लेकर भी नाराजगी जताई और कहा कि पुलिस द्वारा महिला की मदद की गई है और जल्द ही निष्कासित पुलिस कर्मियों को बहाल किया जाए। आपको बता दें कि महिला ने सहसपुर थाने में तहरीर दी थी कि आरोपी द्वारा अश्लील वीडियो बनाकर उसपर दबाव बनाया जा रहा है, जिसके बाद सहसपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर दिया था।

लेकिन आरोपी ने थाने में ही देर रात फाँसी लगा ली थी जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया , और कई पुलिस कर्मियों को लापरवाही के चलते लाइनहाजिर और ससपेंड कर दिया गया। वहीं पीड़िता का कहना है कि जल्द ही पुलिस कर्मियों को बहाल किया जाना चाहिए ।

मामले पर एसएसपी अरुण मोहन जोशी का कहना है की विधि अनुसार करवाई की गई है अगर किसी पुलिस कर्मी की मामले में कोई लापरवाई नहीं होती है तो उन्हें कोई दिक्क्त नहीं आएगी, लेकिन अगर मामले में लापरवाई पाई जाती है तो आवश्यक कारवाई की जाएगी।