उत्तराखंड के हर ब्लॉक में एक गांव होगा डिजिटल विलेज: सीएम

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार की 700 से अधिक सेवाएं कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से आमजन को उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही उत्तराखंड के हर ब्लॉक में एक गांव डिजिटल विलेज बनाया जाएगा। उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि आने वाले 1 वर्ष के भीतर दूरस्थ क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हो। हमारे नौजवान सृजनशील, परिश्रमी व बुद्धिमान है, उन्हें केवल व्यवसायिक कौशल सीखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रगति के लिए व्यवसायिक गुण होना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को आईआरडीटी सभागार में उत्तराखंड टॉप ट्रांजैक्टिंग वीएलई कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश भर से आए सीएससी ग्रामीण स्तरीय उद्यमियों का उत्साहवद्धर्न किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में 5000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर सक्रिय है। राज्य में 9622 कॉमन सर्विस सेंटर पंजीकृत है जिसमें से 7619 ग्रामीण क्षेत्र में है तथा दो हजार के लगभग शहरी क्षेत्र में है। आज राज्य में 233044 लाभार्थी पंजीकृत किए जा चुके हैं जिनमें से 100412 लाभार्थी प्रमाणीकृत है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने इस अवसर पर राज्य की तीन सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमियों व डिजिटल लिटरेसी के माध्यम से लाभ प्राप्त करने वाले पांच लाभार्थियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही इस अवसर पर राज्य सरकार की 250 से अधिक सेवाएं कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दिए जाने के संबंध में एमओयू किया गया।उत्तराखंड सरकार द्वारा बिजनेस मॉडल पर आधारित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के द्वारा रिवर्स माइग्रेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने घोषणा की कि हरिद्वार देश का पहला जिला है जिसकी सभी पंचायतें वाई-फाई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में आईटी के माध्यम से विषमताओं को दूर करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) राज्य में काम कर रहे हैं उससे पता चलता है कि उत्तराखंड बहुत तेजी से आईटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि जल्द से जल्द पूरे राज्य को वाईफाई सेवाएं पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार ने इस प्रकार के नीतिगत परिवर्तन किए हैं ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में तकनीक के माध्यम से आमजन को सेवाएं उपलब्ध हो सके। उत्तराखंड राज्य का 71 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित होने के कारण विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय अनुमोदन की आवश्यकता पड़ती है। अतः राज्य सरकार द्वारा नीतिगत परिवर्तन द्वारा इस दिशा में निश्चित रूप से गति आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमारे गांव डिजिटल रूप से मजबूत होते हैं तो ग्रामीणों को अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने टेली रेडियोलॉजी व टेलीमेडिसिन की शुरुआत की। आज हमारे 35 मुख्य अस्पतालों विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों के अस्पतालों को टेलीमेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी से जोड़ा गया है। आज तकनीकी के माध्यम से देश-विदेश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ हमारे दुरस्थ ग्रामीणों को मिल रहा है। टिहरी जिले के 70 में से 40 स्वास्थ्य केंद्रों को मात्र 46 लाख रुपए की लागत से टेलीमेडिसिन से जोड़ा गया है। उत्तराखंड सरकार घेस, हिमनी व पीपलकोटी जैसे दूरस्थ गांवों में भी तकनीकी व इंटरनेट के माध्यम से ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं पहुंचाने में सफल रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड का मानव संसाधन सृजनशील, परिश्रमी और बुद्धिमान है, जिसमें मात्र व्यवसायिक गुण विकसित करने की आवश्यकता है। हमारे नौजवानों को व्यवसायिक कौशल विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी हमारे कॉमन सर्विस सेंटर बेहतरीन काम कर रहे हैं। इन दूरस्थ क्षेत्रों में सीएससी के माध्यम से लोग अच्छी आमदनी कर रहे हैं। आने वाले समय में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ जैसे स्थानों पर भी कॉल सेंटर्स खोले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार स्थानीय संसाधनों के आधार पर स्थानीय आर्थिक को मजबूत करके स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिकाधिक अवसर खोलने हेतु ग्रोथ सेंटर विकास की परिकल्पना पर काम कर रही है।