प्रदेश की चीनी मीलों द्वारा गन्ना किसानों का करोडों रिपये का भुगतान लम्बे समय से नहीं किया गया है।जहां चीनी मीलें इस बकाये के भुगतान को तैयार नहीं है वहीं पहले से कर्ज लेकर गन्ना पैदा करने वाले किसानों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खडा हो गया है।यही नहीं बंद हो चुकि काशीपुर सुगर मील के भुगतान को लेकर कोर्ट के आदेशों की जहां जमकर धज्जियां उडी वहीं आज तक किसानों का करोडों रुपये भुगतान अधर में लटका है जबकि प्रदेश की अन्य चीनी मीलें भी करोडों के कर्ज के बोझ तले दबी है। ऐसे में गन्ना किसान जाए तो कहां एक ओर गन्ना सोसायटी भुगतान का आश्वासन देती है तो दुसरी तरफ चीनी मीलें नुकसान की बात कहकर किसानों के भुगतान से हाथ पीछे खींच लेती है…क्या है।चीनी मीलों के कर्ज की हकीकत और कितना है मीलों पर किसानों का बकाया इन आंकडों से आपकों जाहिर हो जाएगा।
सुगर मीलों का भुगतान करने को लेकर जहां सरकार बजट का रोना रो रही है, वहीं विभाग का कहना है कि किसानों के बकाये के भुगतान के लिए जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा, जिसके लिए सरकार द्वारा कुछ धनराशि अवमुक्त करने की बात की जा रही है।