(देहरादून) उच्च हिमालय क्षेत्र खासकर गंगोत्री नेशनल पार्क में पाए जाने वाला ब्लू-शीप एक रहस्यमई बीमारी का स्वीकार है। काफी ना-नूकुर के बाद अब उत्तराखंड वन विभाग ने इसकी पुष्टि की है। गौरतलब है उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में एक प्रेस में ही वायरस के चलते साथ हिमालय भरल की आंखें और दीदी बाहर निकल कर बह रहे थे, इस बात की पुष्टि वन विभाग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में की है।
एनजीटी में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि इन हिमालयी भरल को पकड़ा नहीं जा सकता, हालांकि उन्हें देखा गया है। जस्टिस जावेद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ गंगोत्री नेशनल पार्क में ब्लूशीप पर रहस्यमई बीमारी के मामले में सुनवाई कर रही थी, तो उत्तराखंड की तरफ से मुख्य वनसंरक्षक दिग्विजय खाते की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। इस साल वन विभाग की ओर से कहा गया है कि बीमारी या रहस्यमई वायरस के चलते हिमालय भरल की आंखों में काफी तकलीफ है और उन्हें चलने में भी परेशानी हो रही है ,जिस हिमालय भरल की मौत हो चुकी है। उससे नमूना लेकर जांच के लिए उत्तर प्रदेश के बरेली शोध केंद्र में भेजा गया है।
वन अधिकारियों को भी इस वायरस के बारे में कुछ स्पष्ट जानकारी हासिल नहीं हो सकी है, गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सबसे पहले संबंधित विभाग को सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। सुनवाई में जस्टिस यूटी सालवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने एडवोकेट गौरव कुमार बंसल की याचिका पर मामले में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण और उत्तराखंड के मुख्य सचिव, राज्य वन्यजीव बोर्ड, राज्य वन मंत्रालय के प्रधान सचिव वन विभाग और राज्य जैव विविधता बोर्ड को नोटिस दिया था।