उत्तराखंडः हाईकोर्ट ने कांग्रेस उम्मीदवारों की ईवीएम संबंधी याचिका खारिज की

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ईवीएम

नैनीताल हाईकोर्ट ने कांग्रेस उम्मीदवारों की इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे पर दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। याचिका में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट ने याचिका को सत्यापित नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर को इस पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिवक्ता ने कहा गया कि हाईकोर्ट के  फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने यह अहम फैसला सुनाया।  कांग्रेस के पराजित उम्मीवार और पूर्व मंत्री नवप्रभात, विक्रम सिंह नेगी, राजकुमार, अम्बरीष कुमार और मसूरी की गोदावरी थापली ने याचिका दायर कर भाजपा के जीते हुए उम्मीदवार मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, आदेश कुमार चौहान और गणेश जोशी व अन्य के निवार्चन को चुनौती  दी थी।

याचिका में चुनाव आयोग और सरकार पर आरोप लगाया गया था कि भाजपा उम्मीदवारों को जिताने के लिए ईवीएम में गड़बड़ी की गई। इस पर विजयी उम्मीदवारों ने कहा कि याचिका आधारहीन है। ईवीएम में गड़बड़ी का याचिकाकर्ताओं ने कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है। इस मामले में अदालत ने 14 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भ्रामक तथ्यों के जरिये कोर्ट और जनता का समय खराब करती है। उन्होंने मंगलवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट में कांग्रेस के उम्मीदवारों की ईवीएम पर संदेह को लेकर दायर याचिका को खारिज के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस को अब माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा नेता भगत ने कहा कि कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी साबित कर कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा मारा है। भगत ने कहा कि भाजपा को जनता का आशीर्वाद हमेशा मिला है और विपक्ष इसे पचा नही पाता है। देशभर में चुनाव हारने के बाद ईवीएम पर शोर मचाने वाली कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से जनता को गुमराह करने व कोर्ट का बेवजह समय खराब करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।