नैनीताल, चारधाम देव स्थानम एक्ट पर उत्तराखंड की भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई कर केंद्र सरकार, राज्य सरकार व सीईओ चारधाम देव स्थानम बोर्ड को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि तीन हफ्तों के भीतर सभी पक्षकार अपना जवाब दाखिल करें। सुनवाई के दौरान आज याचिकाकर्ता भाजपा सांसद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट के सामने कहा कि कल रात ही इसका सीईओ नियुक्त किया गया है, लिहाजा जब तक इस पूरे मामले की सुनवाई जारी है तब तक किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई जाये। कोर्ट ने सरकार से इस मामले पर भी जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चारधाम देवस्थानम एक्ट पास कर 51 मन्दिरों को इसमें शामिल किया, जिसका पंडा पुरोहितों ने भारी विरोध किया था। अब हाईकोर्ट में सरकार के एक्ट को भाजपा के राज्यसभा सांसद ने ही चुनौती देते हुए कहा है कि राज्य सरकार का एक्ट असंवैधानिक है और सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेश का उल्लंघन भी करता है। याचिका में कहा गया है कि सरकार को मन्दिर चलाने का कोई अधिकार नहीं है। मन्दिर को भक्त या फिर उनके लोग ही चला सकते हैं, लिहाजा सरकार के एक्ट को निरस्त किया जाए। आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि स्वामी ने राजनीति से प्रेरित होकर प्रचार के लिए ये जनहित याचिका दाखिल की है। इस पर कोर्ट में सरकार की किरकिरी भी हुई।